अपराधउत्तराखंडदुर्घटनादेहरादून

अल्मोड़ा में हुई 38 मौतों के बाद भी उत्तराखंड में जारी है ओवरलोडिंग का खेल, ड्राइवर चेकपोस्ट को इस तरह दे रहे हैं चकमा

अल्मोड़ा जिले के मारचूला में हुई बस दुर्घटना को अभी 15 दिन नहीं बीते हैं लेकिन कोई भी इस हादसे से सबक लेने को तैयार नहीं है। ओवरलोडिंग बस के कारण इस हादसे में 38 लोगों की मौत हो गई थी। 

दुर्घटना के बाद यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्ती के दावे भी किए गए। सिस्टम सक्रिय नजर आया, चेकिंग अभियान भी चला, लेकिन यह कुछ ही दिन चला। कोई भी न तो अपने जिम्मेदारी समझ रहा है न ही जवाबदेही। 

चालक चालाकी दिखा रहे हैं और यात्री मजबूरी में वाहनों में खुद ठूंस रहे हैं। सरकारी तंत्र किसी न किसी मजबूरी का हवाला देकर हाथ खड़े करने जैसी स्थिति में नजर आता है। मामला कोटद्वार-नजीबाबाद के मध्य चलने वाले ट्रक, जीप और टैक्सियों से जुड़ा है। इन वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों को भरा जाता है। कौड़िया चेक पोस्ट पर पहुंचने से पहले उन्हें उतार दिया जाता है। चेक पोस्ट पार करने के बाद करीब दो सौ मीटर आगे फिर से वे यात्री उन्हीं वाहनों में सवार हो जाते हैं। नजीबाबाद से कोटद्वार के मध्य 25 किलोमीटर के सफर के दौरान कई दस सीटर वाहन में 12 से 15 यात्री देखे जा सकते हैं। इस रूट पर मालवाहक वाहन भी यात्रियों को ढोते हैं। लेकिन किसी को किसी का न डर है न ही चिंता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *