उत्तराखंडदुर्घटनादेहरादूनपुलिसहेल्थ

अस्पतालों के चक्कर काटती रही गर्भवती महिला, तड़प तड़प कर हुई मौत

टिहरी गढ़वाल: राज्य सरकार तरक्की के दावे करते नहीं थक रही, लेकिन इन दावों की हकीकत ये है कि गांवों में आज भी जच्चा-बच्चा की सुरक्षा हर वक्त दांव पर लगी रहती है।

स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में प्रसूता और नवजात की कई बार मौत हो जाती है। टिहरी के प्रतापनगर में यही हुआ। यहां स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली ने एक परिवार की खुशियों पर बड़ा ग्रहण लगा दिया। समय पर इलाज न मिलने की वजह से जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद उसकी दो बच्चियों के सिर से मां का साया उठ गया है। इस परिवार के दर्द को शब्दों में नहीं बताया जा सकता। घटना रोमिया ओनाल गांव की है। यहां रहने वाली देवकी देवी गर्भवती थी। देवकी का स्वास्थ्य ठीक था। डिलीवरी की डेट नजदीक आई तो देवकी को घरवाले लमगांव चौड़ अस्पताल लेकर पहुंचे। प्रसव पीड़ा होने पर भी देवकी देवी घर से पैदल चलकर मोटर मार्ग तक पहुंची। यहां से परिजन देवकी को अस्पताल ले गए।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने करीब साढ़े चार घंटे बीत जाने के बाद भी देवकी की सुध नहीं ली। जब देवकी की हालत बिगड़ी तो अस्पताल वालों ने उसे रेफर कर दिया। बताया गया कि बच्चे की हार्ट बीट बहुत ही कम चल रही है। घबराए हुए परिजनों ने देवकी देवी को तुरंत एंबुलेंस में बैठाया और नई टिहरी के जिला चिकित्सालय ले जाने लगे, लेकिन देवकी और उनके बच्चे की जान बच नहीं सकी। एंबुलेंस के चांटी गांव के पास पहुंचते ही दोनों की सांसें उखड़ गईं। देवकी की 5 और 7 साल की दो बेटियां हैं। मां की मौत के बाद दोनों बच्चियां गहरे सदमे में हैं। इलाके में मातम पसरा है। स्थानीय लोगों और परिजनों ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *