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इस साल उत्तराखंड के 13 जिलों के लिए हैं 13 बड़े प्रोजक्ट,

तरक्की की राह पर तेजी से कदम बढ़ा रहे उत्तराखंड के 13 जिलों के यह 13 प्रोजेक्ट राज्य की तस्वीर बदल देंगे। यह प्रोजेक्ट्स पीएम मोदी के उस प्लान का भी हिस्सा हैं, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखंड का है।1-सबसे पहले बात करते हैं उत्तरकाशी की। उत्तरकाशी जिला जिसमें गंगोत्री और यमुनोत्री मौजूद हैं वहां हर वर्ष सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने पर उत्तरकाशी से गंगोत्री तक हाईवे चौड़ीकरण का काम शुरू होगा। मार्च 2023 से चौड़ीकरण के लिए चट्टानों की कटान शुरू की जाएगी। 100 मीटर के दायरे में हाईवे का चौड़ीकरण होना है। परियोजना की लागत करीब 15 सौ करोड़ रुपये है। हाईवे का ब्लैक टॉप करीब 10 मीटर होगा। दूसरी ओर जिले में यमुनोत्री हाईवे पर बनी रही करीब साढ़े चार किमी लंबी सिलक्यारा टनल नए साल में पूरी हो जाएगी। इसे वर्ष 2022 में जुलाई में पूरा होना था लेकिन तकनीकी कारणों से कार्य लटक गया।2-चमोली में रोपवे के निर्माण के बाद हेमकुंड साहिब का सफर 45 मिनट में पूरा होगा। दरअसल पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे बनने से श्रद्धालुओं की यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनने वाले दुनिया के सबसे ऊंचे रोपवे की लंबाई लगभग 12.4 किमी होगी। रोपवे बनने से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। बदरीनाथ आने वाले 60 फीसदी यात्री भी हेमकुंड साहिब पहुंच सकेंगे। रोपवे से हेमकुंड साहिब तक का सफर सिर्फ 45 मिनट में पूरा होगा और खर्चा भी महज 1100 रुपये होगा।3- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ 2023 में बिल्कुल नए रूप में नजर आएगा। 2023 में यहां पुनर्निर्माण के दूसरे चरण के कार्य पूरे होंगे। दूसरे चरण के कार्यों में अस्पताल, पुलिस स्टेशन, तीर्थ पुरोहितों के भवन, यात्रा कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाए जाएंगे। इससे पहले शंकराचार्य की तपस्थली, योग-ध्यान गुफा और नदी के किनारे सुरक्षा दीवार समेत कई कार्य पूरे हो चुके हैं।4- हरिद्वार में उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रोजेक्ट पॉड टैक्सी कार को धरातल पर उतारने की उम्मीद है। 1650 करोड़ का यह प्रोजेक्ट ज्वालापुर से भारत माता मंदिर भूपतवाला तक 21 किमी का है। इसमें कुल छह पॉड टैक्सी संचालित होंगी। एक टैक्सी में छह सवारियां बैठ सकेंगी।5- नई टिहरी झील के नवीनीकरण के बाद अब वहां वॉटर स्पोर्ट्स के मौके तलाशे जा रहे हैं। टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए स्वीकृत 1954 करोड़ के प्रोजेक्ट पर नए साल में काम शुरू होगा। डोबरा-चांठी, तिवाड़ गांव और पीपलडाली में भी नए बोटिंग प्वाइंट बनेंगे। 19 सौ करोड़ से झील के चारो ओर रिंग रोड, साइकिल ट्रैक, हट्स, योग ग्राम, होम स्टे, पैदल ट्रैक बनाए जाएंगे। झील क्षेत्र के आसपास वाटर पार्क, स्वीमिंग पूल, एम्यूजमेंट राइड्स, ईको हट्स, पार्किंग, एकीकृत सूचना केंद्र, लाइट एंड साउंड शो, ब्रिज, योग और पंचकर्म, बायोडायवर्सिटी पार्क, एडवेंचर रिजॉर्ट बनाए जाएंगे।

6- बागेश्वर में इस वर्ष कूड़ा निस्तारण की सुविधा मिलेगी। वर्ष 2023 में बागेश्वर नगरपालिका के ट्रंचिंग ग्राउंड का निर्माण शुरू होगा जबकि कपकोट में ट्रंचिंग ग्राउंड का काम पूरा होने के बाद कूड़ा निस्तारण की सुविधा मिलने लगेगी। वर्ष 1968 में गठित नगरपालिका क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या रही है। अब बिलौना-पगना मोटर मार्ग पर जमीन का चयन कर 3.21 लाख रुपये की लागत से बनने वाले ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए पालिका के पास 1.39 करोड़ का बजट उपलब्ध है। आगे पढ़िए

7–अल्मोड़ा में इस वर्ष मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा होगा। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से वर्ष 2012 में 450 करोड़ रुपये से मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू किया गया था। लेकिन, अब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका है। नए साल में इसका निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है।

8- वर्ष 2023 में चंपावत जिले के सबसे बड़े आध्यात्मिक धाम मां पूर्णांगिरि के मुख्य मंदिर को अनोखी सौगात मिलेगी। मुख्य मंदिर की पहाड़ी की दरार इस साल फरवरी तक भर जाएगी। इससे मंदिर की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। बता दें कि मां पूर्णागिरि केमुख्य मंदिर को अनोखी सौगात मिलेगी। मुख्य मंदिर की पहाड़ी की दरार इस साल फरवरी तक भर जाएगी। इससे मंदिर की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। बता दें कि मां पूर्णागिरि के मुख्य मंदिर की पहाड़ी में पिछले दो दशक से लगातार दरार आ रही थी। मुख्य मंदिर की सुरक्षा के लिए दो साल से दरार की मरम्मत का काम चल रहा है। 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एसडीएम सुंदर सिंह का कहना है कि नौ मार्च से शुरू होने वाले मेले से पूर्व यह काम पूरा हो जाएगा।

9–ऊधमसिंह नगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिले में पांच सौ करोड़ रुपये की लागत से 100 एकड़ में बनने वाले एम्स सेटेलाइट सेंटर की घोषणा की है। इसका निर्माण वर्ष 2023 में शुरू होगा। ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेटेलाइट सेंटर के रूप में यह स्वास्थ्य केंद्र कार्य करेगा। नए साल में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत किच्छा में एम्स सेटेलाइट निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे।

10- दूरस्थ जिला होने की वजह से पिथौरागढ़ में लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। ऐसे में पिथौरागढ़ में 69 करोड़ की लागत से बेस अस्पताल का निर्माण किया गया है जिसका 98 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। बेस अस्पताल को शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुछ समय पहले कार्मिकों के पदों का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलते ही बेस अस्पताल शुरू हो जाएगा जिसका लाभ जिले की पांच लाख से अधिक की आबादी को मिलेगा। वड्डा के लेलू में 19.50 करोड़ की लागत से स्पोर्ट्स कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है जो 76 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर निविदा प्रक्रिया चल रही है। नगर से करीब आठ किमी दूर करीब 25 एकड़ भूमि पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाना है।

11- नैनीताल के गौला रोखड़ में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो चुका है। 2023 में यह काम करना शुरू कर देगा। 28 एमएलडी के प्लांट में सीवर के पानी को साफ करके इसे गौला नदी में छोड़ा जाएगा। एशियन डेवलॉपमेंट बैंक से मिले 2200 करोड़ रुपये से नगर निगम काम शुरू कर देगा। इसके तहत सीवर-पेयजल लाइनें, पार्किंग, बहुउद्देशीय भवन, ड्रेनेज सिस्टम आदि बनाया जाएगा। 2023 में इन सभी योजनाओं में काम शुरू हो जाएंगे।

12- दून-दिल्ली इकनॉमिक कॉरिडोर से उत्तराखंड की तस्वीर बदल जाएगी।210 किमी लंबे एक्सप्रेसवे को दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाएगा। इससे दिल्ली से दून का सफर महज ढाई घंटे का रह जाएगा। इसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, देहरादून से मसूरी तक रोपवे से मात्र 10 से 12 मिनट में जा सकेंगे। करीब 300 करोड़ की लागत से देहरादून के पुरुकुल गांव से मसूरी में गांधी चौक बस स्टैंड तक साढ़े पांच किमी लंबे रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। इस साल इसका निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

13 -इस साल पौड़ी गढ़वाल को नए खेल मैदान की सौगात मिल सकती है।शहीद जसवंत सिंह खेल मैदान मई 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसक के लिए 22 करोड़ 29 लाख के बजट को मंजूरी मिल चुकी है। 10 करोड़ 20 लाख स्वीकृत हो चुके हैं और यह कार्य 60 फीसदी पूरा हो गया है। मैदान की नींव पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा ने वर्ष 1974 में रखी थी। राज्य गठन के बाद से मैदान के विस्तारीकरण के लिए कार्य हुए लेकिन कोई भी योजना धरातल पर नहीं उतर सकी

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