उत्तराखंड

उत्तरकाशी के पुरोला में अब थम रहा है बवाल, हिंदू-मुसलमानों ने कही ये बातें

सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें चल रही हैं, जिनमें कहा गया कि उत्तरकाशी के मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें छोड़ने को मजबूर किया जा रहा है, हालांकि स्थानीय व्यापारियों ने इस बात को पूरी तरह गलत बताया है। सोमवार को जब डीएम और एसपी लोगों को समझाने पहुंचे तो व्यापारियों ने साफ कहा कि उन्होंने किसी को दुकान छोड़ने को बाध्य नहीं किया। दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय ने भी कहा कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है। कुछ शरारती तत्व माहौल बिगाड़ रहे हैं। कुछ समय पहले पुरोला में पोस्टर भी लगाए गए थे, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों से दुकान छोड़ने को कहा गया था। नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन ने पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई की मांग की। आगे पढ़िए

बैठक में स्थानीय लोगों ने बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष के बयान पर केस दर्ज करने की भी मांग की। दरअसल पुरोला छोड़ चुके बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जाहिद मलिक ने पुरोला में 27 मई को हुए प्रदर्शन के दौरान समुदाय विशेष की महिलाओं के लिए स्थानीय लोगों की ओर से अपशब्द बोलने के आरोप लगाए हैं। पुरोला में रह रहे समुदाय विशेष के लोगों ने इसका खंडन किया है। इस संबंध में तीन लोगों ने एसडीएम पुरोला को ज्ञापन देते हुए कहा कि जाहिद का बयान गलत है, किसी भी व्यक्ति ने महिलाओं के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की। सोमवार को पुरोला पहुंचे जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला और एसपी अर्पण यदुवंशी की व्यापार मंडल और मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ करीब ढाई घंटे बैठक चली। जिसमें सभी लोगों की दुकानें खोलने पर सहमति बनी है। इस दौरान स्थानीय लोगों ने मांग की कि शहर में सामूहिक नमाज न पढ़ी जाए। इस पर मुस्लिम समुदाय ने अपनी सहमति जताई है।

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