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उत्तराखंड का जांबाज बॉर्डर पर शहीद

शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक निवास हल्द्वानी पहुंचा। आज उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। बीते दिन जब शहीद का पार्थिव शरीर घर लाया गया तो माहौल गमगीन हो गया, हर आंख में आंसू दिखे। अचानक हुई इस घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हवलदार शंकर दत्त का परिवार मूलरूप से ग्राम धामदेवल गनाई रानीखेत जिला अल्मोड़ा का रहने वाला है। वर्तमान में 52 वर्षीय शंकर दत्त पालीवाल के परिजन हल्द्वानी के भगवानपुर में रह रहे हैं। वो 40 असम राइफल्स का हिस्सा थे। इन दिनों उनकी ड्यूटी अरुणाचल प्रदेश के पास म्यांमार बॉर्डर पर थी।परिजनों ने बताया कि बुधवार को उनकी तबीयत खराब हो गई थी। साथ के लोग उन्हें जब तक अस्पताल ले गए, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इस बात की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है, हालांकि निधन के असली कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा। परिजनों ने बताया कि हवलदार शंकर दत्त मई महीने में घर आए थे। ड्यूटी पर जाने से पहले उन्होंने जल्द ही दोबारा घर आने का वादा किया था, लेकिन किसे पता था कि अब वो उन्हें जिंदा नहीं देख सकेंगे। गुरुवार रात साढ़े नौ बजे शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया। आज रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।

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