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उत्तराखंड का सरमोली गांव बना देश का श्रेष्ठ पर्यटन गांव

पिथौरागढ़: कर्मठता और इच्छाशक्ति के दम पर अपने गांव को तरक्की की राह पर कैसे ले जाना है, ये कोई सरमोली गांव के निवासियों से सीखे।

पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी के पास स्थित सरमोली गांव के लोगों ने ग्रामीण पर्यटन को स्वरोजगार बनाया, साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कदम उठाए। इन तमाम कोशिशों के सुखद नतीजे सामने आए हैं। पर्यटन मंत्रालय ने श्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता में सरमोली गांव का चयन किया है। 27 सितंबर को इसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा की जाएगी। साथ ही गांव को श्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार दिया जाएगा। इस तरह सरमोली गांव देश का श्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया है। सरमोली गांव अपनी समृद्ध संस्कृति और नैसर्गिक सुंदरता को समेटे हुए है।

ईको टूरिज्म और साहसिक पर्यटन के लिए पर्यटक सरमोली गांव आते हैं। यहां से आप हिमालय, नंदा देवी, राजरंभा, पंचाचूली, नंदा कोट चोटियों का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं, गांव के होम स्टे में रहकर शांति का अनुभव कर सकते हैं। बता दें कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने श्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता शुरू की है। इस दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 795 गांवों के आवेदन मिले। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गांव स्तर पर किए गए बेहतर कार्यों पर सरमोली गांव को श्रेष्ठ पर्यटन गांव के रूप में चयनित किया गया है। पर्यटन मंत्रालय के ग्रामीण पर्यटन भारत की नोडल अधिकारी कामाक्षी माहेश्वरी ने राज्य को पत्र जारी कर सरमोली गांव को देश का श्रेष्ठ पर्यटन गांव चुने जाने की सूचना दी है। पत्र में पर्यटन विभाग और गांव के एक प्रतिनिधि को भी कार्यक्रम में भेजने का आग्रह किया गया है। सरमोली का श्रेष्ठ पर्यटन गांव चयनित होना, पूरे प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है।

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