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उत्‍तराखंड के इस पहाड़ी इलाके में बाघ का आतंक, अपने शिकार का दो किमी तक किया पीछा; घरों में दुबके लोग

गुरुवार शाम रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्रामसभा मेलधार के तोकग्राम डल्ला के ग्राम लड्वासैंण में बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को निवाला बनाने वाले बाघ के कारण क्षेत्र में दहशत फैली हुई है। हालात यह हैं कि शुक्रवार को ग्रामीण घरों में ही दुबके रहे। ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को भी गौशाला में ही रखा।शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद वीरेंद्र सिंह का हरिद्वार में चंडी घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। दूसरी ओर, गढ़वाल वन प्रभाग व कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग की टीमों ने क्षेत्र में गश्त तेज कर दी है। साथ ही क्षेत्र में झाड़ी कटान का कार्य भी शुरू किया जा रहा है।

गुरुवार शाम ग्राम लड्वासैंण में बाघ ने 66 वर्षीय वीरेंद्र सिंह को उस वक्त निवाला बना दिया, जब से करीब सौ मीटर दूर खेत में गए थे। ग्रामीणों के शोर मचाने के बाद भी बाघ ने करीब एक घंटे तक वीरेंद्र सिंह को दबोच कर रखा। बाद में ग्रामीणों ने मशालें जलाकर फेंकी तो बाघ वहां से कुछ दूरी पर झाडि़यों में चला गया। इसके बाद ग्रामीण शव को लेकर घर पहुंचे।

ग्रामीण तारा सिंह ने बताया कि बाघ शव के पीछे घर के आंगन तक आया, लेकिन तब तक वन विभाग व पुलिस टीम मौके पर आ गई थी। वन विभाग की टीम ने हवाई फायर कर बाघ को वहां से भगाया। साथ ही आग भी जलाई गई। बताया कि घर से मुख्य सड़क करीब ढाई किमी दूर है। रात में शव को चारपाई पर लाकर मुख्य सड़क तक लाया गया।

बाघ ग्रामीणों के पीछे काफी दूर तक आया

बताया कि इस दौरान भी बाघ ग्रामीणों के पीछे काफी दूर तक आया। हालांकि, मशाल जलाने व टार्च की रोशनी होने के कारण बाघ सामने नहीं आया। कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट की अदनाला रेंज के रेंज अधिकारी नवीन जोशी ने बताया कि वे रात्रि में गश्त कर रहे थे। उस दौरान उन्हें भी दो बार बाघ नजर आया।

गढ़वाल व कालागढ़ के डीएफओ पहुंचे गांव शुक्रवार को गढ़वाल वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी स्वप्निल अनिरूद्ध व कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट के प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने दोनों अधिकारियों के समक्ष बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग उठाई।

डीएफओ स्वप्निल अनिरूद्ध ने बताया कि क्षेत्र में सशस्त्र वनकर्मियों की दो टीमें तैनात कर दी गई हैं। टीमें लगातार गश्त करेंगी। साथ ही बाघों की जानकारी के लिए क्षेत्र का ड्रोन सर्वे भी करवाया जाएगा। बताया कि जुई व डल्ला गांव में कैमरे ट्रैप लगाकर बाघ की स्थिति पर नजर रखी जाएगी। जिला प्रशासन के सहयोग से गांव के रास्तों पर सोलर लाइट भी लगवाई जाएंगी।

बताया कि पिंजरे लगाने के संबंध में उच्चाधिकारियों से दिशा-निर्देश लिए जा रहे हैं। पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे अधिकारियों ने पीड़ितों पर तात्कालिक सहायता भी प्रदान की। इधर, क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह रावत ने भी विभागीय अधिकारियों को जल्द से जल्द आदमखोर बाघ को पकड़ने के निर्देश दिए हैं।

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