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उत्तराखंड के बाद पूरे देश में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड

देहरादून: समान नागरिक संहिता को लेकर पूरे देश की नजरें उत्तराखंड पर टिकी हुई हैं। उत्तराखंड इसे लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है।

इतना ही नहीं उत्तराखंड के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। मंगलवार को भोपाल में अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके संकेत दिए। इस तरह उत्तराखंड की जिम्मेदारी बढ़ गई है। प्रदेश में समान नागरिक संहिता को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। जिससे केंद्र के साथ ही दूसरे राज्यों के लिए भी राह आसान होगी। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट बनाने के लिए गठित समिति इन दिनों इसे अंतिम रूप देने में जुटी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी कहा कि ड्राफ्ट फाइनल होते ही सरकार समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर देगी।

यूनिफॉर्म सिविल कोड को हिंदी भाषा में समान नागरिक संहिता कहा जाता है। इसका बेहद सरल अर्थ है देश के हर शहरी के लिए एक जैसा कानून लागू हो। इसके तहत एक शहरी किसी भी धर्म-मज़हब से संबंध रखता हो, सभी के लिए एक ही कानून होगा। इसको धर्मनिर्पेक्ष कानून भी कहा जा सकता है। इसका मतलब विवाह, तलाक और जमीन जायदाद के मामलों में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होगा।ड्राफ्ट बनाने वाली समिति को ढाई लाख से अधिक सुझाव मिले हैं और वह ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे रही है। अब विधि आयोग (लॉ कमीशन) भी पूरे देश में समान नागरिक संहिता के लिए जनता से विचार विमर्श कर रहा है। बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चुनावी भाषणों में कहा था कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने पर यहां समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। समान नागरिक संहिता का विषय बीजेपी के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा है। सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। समान नागरिक संहिता का प्रारूप तैयार करने के लिए समिति बनाई गई है। यह समिति आम जन के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय, प्रदेश की विभिन्न जनजातियों व महिलाओं के साथ बैठक कर उनके सुझाव ले चुकी है।

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