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उत्तराखंड के बाबा बर्फानी,

शीतकाल में यहां बाबा बर्फानी शिवलिंग के आकार में नजर आते हैं। जिनके दर्शनों के लिए देशभर से श्रद्धालु चमोली पहुंचते हैं। शीतकाल मे यहां पर बर्फ के कई शिवलिंग प्राकृतिक तौर पर बनते हैं, हालांकि एक मुख्य शिवलिंग विराजमान होता है, जिसे बाबा बर्फानी के रूप में पूजा जाता है। खास बात यह है कि इस पर चट्टान से निकलने वाले जल की धारा से स्वत ही निरंतर जलाभिषेक होता रहता है। नीती घाटी में कड़ाके की ठंड के चलते तापमान माइनस पांच से ऊपर जा रहा है, जिससे झरने सहित प्राकृतिक स्रोतों पर पानी जमने लग गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गुफा में भी बर्फ की आकृतियां नजर आने लगी हैं। पर्यटन विभाग भी बाबा बर्फानी की यात्रा की तैयारियों में जुट गया है। स्थानीय निवासियों संग बैठक कर इस साल यात्रा को लेकर अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के दर्शन कराने को रणनीति बनाई जा रही है। पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा ने बताया कि नीति टिम्मरसैंण गुफा में बर्फ के शिवलिंग का आकार लेना शुरू हो चुका है। यहां फरवरी में यात्रा का आयोजन किया जाएगा। यात्रा की तैयारियों को लेकर स्थानीय निवासियों के साथ बैठक की जाएगी। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यहां होम स्टे सहित अन्य सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। बता दें कि टिम्मरसैंण गुफा चमोली जिले के जोशीमठ से लगभग 82 किलोमीटर दूर है। यहां आने वाले यात्रियों के लिए गमशाली बांपा और नीती समेत आसपास के गांवों में ठहरने की व्यवस्था की जाती है। कुछ समय पहले तक सिर्फ स्थानीय लोग ही इस जगह के बारे में जानते थे, लेकिन अब यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आने लगे हैं। राज्य सरकार भी इस जगह को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए प्रयास कर रही है।

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