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उत्तराखंड: गांव घूमने आया फॉरेनर हुआ चोटिल, पहाड़ की घस्यारियां बनीं देवदूत.. ऐसे बचाई जान

बागेश्वर: एक 55 वर्षीय रूसी नागरिक पैदल घूमते समय अमस्यारी गांव के पास खेत में फिसलकर घायल हो गया। ग्रामीण महिलाओं ने उन्हें खेत में पड़ा देखा, तो घायल व्यक्ति को स्ट्रेचर पर लिटाकर सड़क तक पहुँचाया।

जानकारी के अनुसार, 55 वर्षीय रूसी नागरिक बोरिस अपने 54 वर्षीय साथी इगोर (जो कि एक सर्जन हैं) के साथ भारत में टूरिस्ट वीजा पर यात्रा कर रहे हैं। इन दिनों वे उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में अलग-अलग स्थानों पर घूम रहे थे। बीते शनिवार शाम को बोरिस ग्वालदम से गरुड़ की ओर पैदल घूमने निकले। अमस्यारी गांव के समीप उनका पैर फिसल कर वे खेत में गिर गए।

महिलाओं ने स्ट्रेचर से सड़क तक पहुंचाया

उसी दौरान उस रास्ते कुछ महिलाएं घास लेकर घर को लौट रही थी, घायल बोरिस ने महिलाओं से हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगाई। लेकिन महिलाओं को उसकी भाषा समझ में नहीं आई। ग्रामीण महिला हेमा जोशी, अनीता जोशी, चंद्रा जोशी और सीमा परिहार ने स्ट्रेचर मंगाया और बोरिस को सड़क मार्ग तक पहुंचाया। कुछ देर बाद बोरिस के साथी सर्जन इगोर तथा पंकज कुशवाहा भी वहां पहुंच गए। सर्जन इगोर ने घायल का प्राथमिक उपचार किया और फिर तीनों एक निजी वाहन से गरुड़ की ओर रवाना हुए। वे लोग गरुड़ से आगे भेटा गांव में स्थित एक होम स्टे में ठहरे थे।

टूरिस्ट वीजा पर आए हैं भारत

सूचना मिलने पर बैजनाथ के थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नगरकोटी अपनी टीम के साथ होम स्टे पहुंचे और वहां रूसी नागरिकों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि वे तीन लोग रूस के मूल नागरिक हैं और टूरिस्ट वीजा पर भारत आए हैं, फिलहाल 10 दिन वे यहां भ्रमण करेंगे। बोरिस को मामूली चोट आई हैं और अब वे स्वस्थ हैं। वहीं बिना पूर्व सूचना के विदेशी नागरिकों को ठहराने के मामले में पुलिस ने होम स्टे संचालक लोहुमी के खिलाफ पुलिस एक्ट 52 (3) 84 के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने होम स्टे संचालक पर पांच हजार रुपये का चालान लगाया गया है।

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