उत्तराखंड में एक बार फिर जारी हुआ अलर्ट
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सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अवगत कराया गया है कि वर्तमान में विभिन्न राज्यों में सीजनल इन्फ्लुएंजा ग्रुप के एच1 एन1 एच एन2 इन्फ्लुएन्जा इन्फ्लुएन्जा बी एडिनो वायरस इत्यादि प्रसारित हो रहे है व जनस्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहे हैं। अवगत होना चाहें कि माह जनवरी से माह मार्च तक आमतौर पर सीजनल इन्फ्लूएंजा वायरस का प्रसारण होता है। इस अवधि में निम्न सतर्कता एवं सावधानी बरती जानी आवश्यक हैं।
1. चिकित्सालय स्तर पर Influenza like Illness (IU) / Severe Acute Respiratory Illness ( SARI) की सघन निगरानी की जाये ताकि शुरुआती चरण में ही चिन्हित कर इन्फ्लुएन्जा आउटब्रेक को प्रसारित होने से रोका जा सके एवं प्रत्येक रोगियों की सूचना अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।
2. सीजनल इन्फ्लूएंजा के अधिकांश रोगियों में बुखार व खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं, जो कि स्वतः ही ठीक हो जाते हैं। हालाँकि अन्य रोगों (जैसे Chronic Obstructive Pulmonary Disease, मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक रीनल और लीवर डिजीज आदि) से ग्रसित लोग, वृद्ध लोग, गर्भवती महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों आदि में विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है ।
3. सीजनल इन्फ्लुएन्जा के संचरण को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है जैसे हाथ धोना, खांसी या छींक आने पर अपने मुंह और नाक को टिश्यू से ढकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना, भीड़माड़ वाले वातावरण में मास्क का उपयोग करना आदि।
4. सीजनल इन्फ्लुएन्जा के प्रभावी नियंत्रण एवं उपचार हेतु भारत सरकार द्वारा प्रदत्त गाइडलाईन (इन्फ्लुएन्जा
रोगियों के वर्गीकरण, clinical management protocol, providing home care, sample collection) सलग्न कर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु आपको प्रेषित की जा रही है। वर्तमान में इन्फ्लुएंजा के Sub types की जांच के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून एवं हल्द्वानी, नैनीताल में सुविधा उपलब्ध है।
5. जनपद के जिला / बेस / संयुक्त चिकित्सालयों में सीजनल इन्फ्लुएन्जा के मरीजों के उपचार हेतु पर्याप्त आईसोलेशन बेड / वार्ड / आई०सी०यू० / वेन्टिलेटर इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें। किसी फिजीशियन / चिकित्सक को चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड का नोडल अधिकारी नियुक्त करें तथा उनके नाम व कान्टेक्ट नं० (मोबाइल) एवं आईसोलेशन वार्ड में बेड़ों की संख्या से अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को अवगत करायें।
6. सीजनल इन्फ्लुएन्जा प्रबन्धन व रोकथाम हेतु समस्त चिकित्सालयों (जिला / बेस / संयुक्त / सी०एच०सी० पी०एच०सी० स्तर तक) में आवश्यक औषधियों (Oseltamivir Cap. / Syp.) व सामग्री (PPE, N मैं
95 Mask, VTM etc) की उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाये।
7. सीजनल इन्फ्लुएन्जा प्रबन्धन के अन्तर्गत समय से केस / रोगी की पहचान, त्वरित उपचार व मरीज की गम्भीर हालत / आपातकाल में समय से रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। 8. यद्यपि राज्य में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 संक्रमण में कमी दर्ज की गई है परन्तु कोविड 19 सक्रमण
को प्रसारित होने से रोकने एवं समुचित प्रबंधन के लिए अभी भी सतर्क रहने और पांच सूत्री रणनीति जांच, निगरानी, उपचार, टीकाकरण तथा कोविड एप्रोप्रियेट व्यवहार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। 9. सीजनल इन्फ्लुएन्जा के प्रति जन जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों के द्वारा व्यापक प्रचार प्रसार / IEC गतिविधियों की जायें। सीजनल इन्फ्लूएंजा के प्रति आमजनमानस में किसी भी प्रकार की भ्रांति पैदा होने से
रोका जाए बचाव के उपायों (संलग्न) पर जागरूकता की जाए। 10. सीजनल इन्फ्लुएन्जा संदिग्ध मृत्यु की समीक्षा भारत सरकार द्वारा प्रदत प्रारूप (संलग्न) के अनुसार करें ताकि मृत्यु के वास्तविक व तथ्यात्मक कारण का पता चल सके। संदिग्ध मृत्यु की समीक्षा हेतु आडिट
कमेटी का गठन कर डैथ आडिट रिपोर्ट तीन कार्य दिवसों के अन्दर राज्य स्तर को उपलब्ध करायें।
11. सीजनल इन्फ्लूएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु सचिव स्वास्थ्य भारत सरकार द्वारा प्रेषित दिशानिर्देश इस पत्र साथ संलग्न कर प्रेषित किए जा रहे हैं।