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उत्तराखंड में बेरोजगारों को लूटने वाले मास्टरमाइंड, अनगिनत युवाओं को थमाए फर्जी ऑफर लेटर

हरिद्वार: हरिद्वार पुलिस ने सरकारी नौकरी के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को पकड़ा है।

आरोपी फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर युवाओं से लाखों की रकम ऐंठ चुके हैं। ये लोग होटलों में फर्जी तरीके से युवाओं का इंटरव्यू लेते थे, बकायदा नियुक्ति पत्र भी देते थे। सोमवार को दो आरोपियों को रुड़की और दो को जैतपुर गांव से पकड़ा गया। जैतपुर गांव में सक्रिय ये गैंग यूपी की राजधानी लखनऊ में बैठकर भी बेरोजगारों को ठग रहा था। सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर गिरोह अब तक लाखों की रकम ऐंठ चुका है। ये लोग लखनऊ के नामी होटलों में फर्जी तरीके से इंटरव्यू लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे। जो भी लोग झांसे में आते थे, उनसे पांच से दस लाख रुपये तक वसूले जाते थे। रकम मिलने पर उन्हें उपभोक्ता न्यायालय, जिला न्यायालय एवं आयकर विभाग समेत अन्य विभागों से संबंधित नौकरियों के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए जाते थे।

इनके ठाठ बाट देखकर बेरोजगार युवा भी झांसे में आ जाते थे। ठगी के लिए गिरोह पहले समाचार पत्रों में विज्ञप्ति निकालता था। इतना ही नहीं गिरोह ने बकायदा एक कथित कम्युनिटी हेल्थ वर्कर एवं महिला कल्याण ट्रस्ट भी बनाया हुआ था, जहां अभ्यर्थियों को तैनाती दी जाती थी। ये लोग बेरोजगारों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। फिलहाल चार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। गैंग के खिलाफ लक्सर, रुड़की, ज्वालापुर, भगवानपुर आदि कई थानों में धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में आठ मुकदमे दर्ज हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में कादिर पुत्र शहीद हसन, दिनेश डोगरा, खुर्शीद आलम चिश्ती और सौरभ पुत्र रेशम सिंह शामिल हैं, सभी लक्सर-जैतपुर के रहने वाले हैं। इसके अलावा ठगी के खेल में विजय श्रीवास्तव व हर्ष श्रीवास्तव निवासी लखनऊ उत्तर प्रदेश तथा रिजवान व सारिका बानो निवासी जैतपुर भी शामिल रहे हैं, ये चारों फरार हैं। फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

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