उत्तराखंड में 2648 पदों पर शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ,
हाईकोर्ट ने सितंबर 2022 में एनआईओएस से डीएलएड को शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। दरअसल बीएड टीईटी पास अभ्यर्थी हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। याचिकाकर्ताओं के सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता एवं राज्य के पूर्व महाधिवक्ता यूके उनियाल ने इसकी पुष्टि की है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 2,648 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। यहां आपको पूरा मामला भी बताते हैं। दरअसल प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020-21 में 2,648 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। भर्ती के लिए डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों) से डीएलएड और बीएड अभ्यर्थियों के साथ ही राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) अभ्यर्थियों ने भी इसके लिए आवेदन किए थे। सरकार ने पहले इन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने की बात कही थी, लेकिन बाद में इनकार कर दिया। इसके खिलाफ एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने शासन के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें इन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल न करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद बीएड टीईटी पास अभ्यर्थी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें एनआईओएस से डीएलएड को शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश किया गया था। याचिकाकर्ता प्रियंका रानी ने कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए अब जल्द शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। शिक्षक भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जयवीर सिंह, प्रियंका रानी, उमेश कुमारी व पंकज कुमार सैनी की ओर से याचिका दाखिल की गई थी।