उत्तराखंड: शुरू हुई श्रीगंगा कलश यात्रा, पशुपतिनाथ में शिव को हर दिन अर्पित होगा गंगोत्री का जल
उत्तरकाशी: हर साल की तरह गंगोत्री धाम से नेपाल के पशुपतिनाथ तक जाने वाली श्रीगंगा कलश यात्रा शुरू हो गई है। काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रीगंगा कलश यात्रा का भव्य स्वागत किया गया।
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद उत्तरकाशी से नेपाल के पशुपतिनाथ तक जाने वाली श्रीगंगा कलश यात्रा का शुभारंभ हो गया है। गंगोत्री धाम से श्रीगंगा कलश यात्रा उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंची। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां गंगा से विश्व कल्याण और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हुए हर हर गंगे, जय मां गंगे के जयकारे लगाए। यहाँ पर श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा का पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया। कलश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के मुख्य रावल शिव प्रकाश महाराज से भी आशीर्वाद लिया।
काशी विश्वनाथ मंदिर में मौजूद गंगोत्री विधानसभा के विधायक सुरेश चौहान ने जानकारी दी कि हर साल जब गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते हैं और लक्ष्मी की पूजा होती है, तो उस समय यह कलश मंदिर में रहता है। कपाट बंद होने के बाद यह श्रीगंगा कलश यात्रा उत्तरकाशी पहुंची है। हर साल यहां से गंगाजल पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल तक पहुँचाया जाता है।
गंगोत्री धाम के मुख्य रावल शिव प्रकाश महाराज ने कहा की कि हर साल गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद गंगा जल से भरा कलश उत्तरकाशी, टिहरी, हरिद्धार के रास्ते से होते हुए नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में पहुंचाया जाता है। पशुपतिनाथ का विशेष जलाभिषेक पूरे साल इसी जल से किया जाता है। प्राचीन समय से ही सनातन धर्म में ये विशेष वैदिक परंपरा चली आ रही है। रावल शिव प्रकाश ने कहा कि ये कलश यात्रा नेपाल और भारत की मैत्री और अखंडता को बरकरार रखने का भी संदेश देती है। विश्व कल्याण और सुख समृद्धि के लिए इस कलश यात्रा का अपना अलग ही महत्व है।