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उत्तराखंड: 29 लाख का बिजली देखकर कारोबारी के उड़े होश, पढ़िए UPCL का गजब कारनामा

रुद्रपुर: उत्तराखंड का बिजली विभाग फर्जी रीडिंग के आधार पर बिल भेज रहा है, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। कई बार मीटर खराब रहता है, लेकिन मीटर समय पर नहीं बदला जाता।

बाद में रीडिंग बढ़ाकर बिल भेज दिया जाता है। उत्तराखंड में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें उपभोक्ताओं को लाखों का बिल थमा दिया गया। उत्तराखंड विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार ने ऐसे ही तीन मामलों में उपभोक्ता फोरम के आदेश को रद्द कर उपभोक्ताओं को राहत दी है। यूपीसीएल के बिजली बिलों को भी निरस्त कर दिया गया। पहला मामला रुद्रपुर का है। जहां छोटे कारोबारी थान सिंह को मार्च में 1,14,969 का बिल थामाया गया। इसके बाद 28 मार्च को यूपीसीएल से एक लेटर आया, जिसमें कहा गया कि उनका फरवरी 2017 से नवंबर 2022 का 29,35,681 रुपये का बकाया है। 29 लाख का बिल देखकर थान सिंह के होश उड़ गए। कोरोना काल में उनका काम बंद रहा, लेकिन यूपीसीएल ने लाखों का बिल भेज दिया। विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार ने माना कि यूपीसीएल ने गलत बिल थमाया है। उन्होंने इसे निरस्त करते हुए पिछले छह बिलिंग साइकिल के हिसाब से बिल देने को कहा है।

काशीपुर में भी आशीष कुमार अरोड़ा नाम के शख्स को बिजली विभाग ने नवंबर 2022 में आठ लाख 81 हजार 244 रुपये का बिल थमा दिया था। उन्हें उपभोक्ता फोरम से भी राहत नहीं मिली। जिसके बाद पीड़ित आशीष कुमार विद्युत लोकपाल पहुंचे। लोकपाल सुभाष कुमार ने पाया कि यूपीसीएल के दो इंजीनियरों की आपसी खींचतान से उपभोक्ता को आठ लाख का बिल दिया गया। उन्होंने तत्काल फोरम के आदेश व इस बिल को निरस्त कर दिया। साथ ही पहले से जमा दो लाख की राशि भी उपभोक्ता को लौटाने के आदेश दिए। इसी तरह रुड़की के सिकंदरपुर निवासी किसान अय्यूब ने को भी पिछले साल 15 मार्च को 2,94,499 रुपये का बिल थमाया गया था। बाद में विभाग ने मीटर की गड़बड़ी मानते हुए इसमें से 91,704 रुपये की छूट करते हुए 2,02,795 रुपये जमा कराने को कहा। विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार ने इस मामले में यूपीसीएल को आदेश दिया कि पुराने मीटर की रीडिंग के औसत के हिसाब से नया बिल दिया जाए।

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