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उत्तराखण्ड में लोकपर्व ईगास अवकाश घोषित किया

उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास-बग्वाल को लेकर बड़ी खबर आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय अवकाश की घोषणा की है। यह दूसरा मौक़ा होगा जब  को लेकर उत्तराखण्ड में लोकपर्व ईगासअवकाश घोषित किया गया है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी है। सीएम ने कहा कि ये हमारी लोक संस्कृति का प्रतीक है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सीएम धामी ने इगास पर राजकीय अवकाश घोषित कर बड़ा दांव खेला है। सीएम ने ईगास के अवकाश का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईगास बग्वाल उत्तराखण्ड वासियों के लिए एक विशेष स्थान रखती है। यह हमारी लोक संस्कृति का प्रतीक है। हम सब का प्रयास होना चाहिए कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को जीवित रखें। नई पीढ़ी हमारी लोक संस्कृति और पारम्परिक त्योहारों से जुड़ी रहे, ये हमारा उद्देश्य है।

ट्वीट द्वारा यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “आवा! हम सब्बि मिलके इगास मनोला नई पीढ़ी ते अपणी लोक संस्कृति से जुड़ोला। लोकपर्व ‘इगास’ हमारु लोक संस्कृति कु प्रतीक च। ये पर्व तें और खास बनोण का वास्ता ये दिन हमारा राज्य मा छुट्टी रालि, ताकि हम सब्बि ये त्योहार तै अपणा कुटुंब, गौं मा धूमधाम से मने सको । हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ, यु हमारु उद्देश्य च।”

गौरतलब है कि दिवाली के 11 दिन बाद पहाड़ में एक ओर दिवाली मनाई जाती है, जिसे इगास कहा जाता है। इस दिन सुबह मीठे पकवान बनाए जाते हैं और शाम को भैलो जलाकर देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। पूजा-अर्चना के बाद ढोल-दमाऊं की थाप पर भैलो (भीमल या चीड़ की लकड़ी का गट्ठर) जलाकर घुमाया जाता है और नृत्य किया जाता है। मान्यता है कि भगवान राम के लकां विजय कर अयोध्या पहुंचने की सूचना पहाड़ में 11 दिन बाद मिली थी। इसीलिए दिवाली के 11 दिन बाद इगास (बूढ़ी दिवाली) मनाया जाता है

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