एक दमकल के सहारे हजारों की आबादी, क्षेत्र में हाइड्रेंट तक नहीं; खानापूर्ति को खोले फायर स्टेशन
आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में आगजनी जैसी स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन की डोर छोटे दमकल वाहनों पर टिकी है।
विषम भौगोलिक परिस्थिति के कारण पहले ही तमाम तरह की समस्याओं से दो-चार हो रहे इन क्षेत्रों में फायर स्टेशन केवल खानापूर्ति के लिए खोले गए हैं। इन फायर स्टेशन में न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न पर्याप्त स्टाफ ही। क्षेत्र में कहीं भी हाइड्रेंट नहीं
आपदा मद में हमारे पास पर्याप्त धनराशि है। एसडीआरएफ और अग्निशमन विभाग के लिए 150 से 200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पास हो चुके हैं। इनकी टेंडर प्रकिया भी शुरू हो गई है। अग्निशमन विभाग की ओर से अब तक जो भी प्रस्ताव भेजे गए, उन पर गहनता से विचार किया गया है।
गुरुवार को त्यूणी में आग की चपेट में आकर चार बच्चियों की मौत की एक वजह यह अभाव भी था। त्यूणी फायर स्टेशन में संसाधनों की कमी नहीं होती तो आग समय पर बुझाई जा सकती थी। त्यूणी फायर स्टेशन में सिर्फ एक छोटा दमकल वाहन है, जिसकी जल संग्रहण क्षमता 2400 लीटर है। पानी खत्म होने पर इसे दोबारा भरने के लिए कई किमी तक पानी की सुविधा नहीं है। क्षेत्र में कहीं भी हाइड्रेंट नहीं है।
त्यूणी के साथ कालसी, चकराता और मोरी का कुछ हिस्सा भी इस फायर स्टेशन पर निर्भर है। इस वजह से आगजनी की स्थिति में एक लाख से अधिक की आबादी पर खतरा मंडराता रहता है। बड़े अग्निकांड की स्थिति में विकासनगर या बड़कोट फायर स्टेशन से वाहन भेजे जाते हैं, जिनकी दूरी 100 किलोमीटर से अधिक है। यही हाल मोरी और पुरोला फायर स्टेशन का है। यहां भी एक-एक छोटा वाहन और चार-चार कर्मचारी तैनात हैं। बैकअप का कोई साधन नहीं है।
पूरे प्रदेश में फायर ब्रिगेड की स्थिति खराब
प्रदेश के 13 जिलों में 47 फायर स्टेशन हैं। इनमें फाम व पानी वाले दमकल की संख्या 98 हैं। इनमें भी 45 वाहन 15 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके हैं। केंद्र सरकार के नियमानुसार 15 वर्ष की मियाद पूरी कर चुके वाहन सड़क पर नहीं चल सकते, लेकिन विभाग में वाहनों की कमी के चलते कार्मिक जान जोखिम में डालकर इन वाहनों को दौड़ा रहे हैं।
वाहनों की स्थिति को देखते हुए संभागीय परिवहन विभाग ने भी आगे के लिए रजिस्ट्रेशन करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। विभाग ने सभी जिलों को पेट्रोवल पंप कैरिंग व्हीकल (पीपीसीवी) भी दिए हैं। 15 पीपीसीवी भी निर्धारित 15 वर्ष की मियाद पूरी कर चुके हैं।
20 फायर स्टेशन की हालत खराब
प्रदेश में 11 फायर स्टेशन जीर्णशीर्ण स्थिति में हैं। इसके अलावा नौ स्टेशन किराये के भवन में चल रहे हैं। विभाग ने इन 20 फायर स्टेशनों के नवनिर्माण के लिए शासन से वर्ल्ड बैंक वित्त पोषित परियोजना के तहत धन की मांग की है।
विभाग में स्टाफ की स्थिति
- पदनाम, स्वीकृत पद, उपलब्ध, खाली
- फायर स्टेशन आफिसर, 35, 06, 29
- फायर स्टेशन सेकेंड आफिसर, 50, 24, 26
- लीडिंग फायरमैन, 162, 147, 15
- चालक, 205, 202, 03
- फायरमैन, 998, 543, 455
- मुख्य अग्निशमन अधिकारी, 09, 04, 05