गढ़वाल के बाद कुमाऊं में होगी मूल निवास स्वाभिमान महारैली, आंदोलन की डेट हुई फाइनल
हल्द्वानी: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग तेज होने लगी है।
बीते दिनों देहरादून में मूल निवास स्वाभिमान महारैली हुई। जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। अब गढ़वाल के बाद कुमाऊं में भी मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन होने जा रहा है। महारैली का आयोजन हल्द्वानी में होगा। उससे पहले बागेश्वर में उत्तरायणी कौथिग के दिन 15 जनवरी को राज्यभर से आने वाले हजारों लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा। कचहरी स्थित शहीद स्मारक में हुई मूल निवास और भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में तय किया गया कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में हल्द्वानी में भी मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली जाएगी।
समिति ने बताया कि बहुत जल्द प्रदेशभर में व्यापक जन जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया, प्रदेश में मूल निवास की सीमा 1950 और सशक्त भू-कानून लागू करने को लेकर चल रहे आंदोलन को प्रदेशभर में ले जाया जाएगा। समिति चरणबद्ध तरीके से कई कार्यक्रम करेगी। उत्तरायणी के दिन बागेश्वर के ऐतिहासिक सरयू बगड़ में होने वाले मेले में लोगों को बताया जाएगा कि किस तरह से हम अपनी सांस्कृतिक पहचान खो रहे हैं। अगले माह के अंतिम सप्ताह में हल्द्वानी में रैली करने पर भी सहमति बनी है। मोहित डिमरी ने कहा कि समिति का मूल निवास और सशक्त भू-कानून के अलावा कोई अन्य उद्देश्य नहीं है। हम न चुनाव लड़ेंगे न ही लड़वाएंगे। उन्होंने सरकार पर mool niwas Swabhiman Maharaili को तोड़ने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है।