चमोली-रुद्रप्रयाग के लोगों को मिलेगी जाम से बड़ी राहत
यहां केदारनाथ हाईवे को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने वाली 900.30 मीटर लंबी सुरंग की खोदाई का काम इसी महीने शुरू होने जा रहा है। रुद्रप्रयाग बाईपास निर्माण की कवायद बीते 20 साल से चल रही है, लेकिन दूसरे चरण का काम अब शुरू हो पाया है। इस परियोजना के पूरा होने से रुद्रप्रयाग और चमोली के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शहर को जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। अभी शहर के हाल बेहद खराब हैं, चारधाम यात्रा के दौरान जाम की समस्या और बढ़ जाती है। इन तमाम परेशानियों को देखते हुए केदारनाथ हाईवे को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए सुरंग बनाई जा रही है। प्रथम चरण में गुलाबराय से जवाड़ी होकर गुजरने वाले बाईपास को गौरीकुंड (केदारनाथ) हाईवे से जुड़ना था, जिसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में गौरीकुंड हाईवे पर लोनिवि रुद्रप्रयाग खंड कार्यालय के पास से रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी तक 900.30 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण होना है। सुरंग को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर 190 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि अब परियोजना के दूसरे चरण का काम शुरू होना है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से इसके लिए स्वीकृति मिल चुकी है। टेंडर जारी किए जा चुके हैं। बता दें कि साल 2003 में तत्कालीन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने जवाड़ी बाईपास के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की थी, ताकि शहर को जाम के झाम से मुक्ति मिल सके। इसके लिए दो चरण में कार्य होना था। दूसरे चरण का काम जल्द शुरू होने वाला है।