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चाची ने मिलीभगत से बेच डाली दादी की जमीन, पासपोर्ट ने ऐसे खोला फर्जीवाड़ा

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में शहर कोतवाली पुलिस ने एक और मुकदमा दर्ज कर लिया है। शिकायतकर्ता की चाची ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कार्मिकों के साथ मिलीभगत कर न सिर्फ उसकी दादी के नाम से फर्जी रजिस्ट्री करा डाली, बल्कि उसे सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में भी दाखिल करवा दिया।प्रकरण का पता शिकायतकर्ता की दादी के पासपोर्ट से चला। पासपोर्ट के नाम और रजिस्ट्री के नाम में भिन्नता पाई गई। शहर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में सब रजिस्ट्रार द्वितीय के अज्ञात कार्मिकों समेत चार व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।

नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश निवासी निवेश ध्रुव ढींढसा ने एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई कि उनकी दादी दिवंगत संपूर्ण ढींढसा ने सर्कुलर रोड पर भूमि खरीदी थी। यह भूमि वर्ष 1994 में दो सेल डीड के माध्यम से खरीदी गई थी। शिकायत के मुताबिक, दादी के जीवनकाल में उन्होंने इस भूमि को न तो बेचा और न ही किसी व्यक्ति के नाम कोई पावर आफ अटार्नी की।

भूमि को फर्जी ढंग से बेचे जाने की जानकारी पहली बार तब सामने आई जब वर्ष 2021 के एक वाद में इस संपत्ति को पारिवारिक श्रेणी से बाहर किए जाने की जानकारी मिली। तब पता चला कि उनकी चाची रमिंदर मान ने इसकी रजिस्ट्री अपनी बेटी जसमिंदर के नाम कर दी है। इसके लिए वर्ष 2005 में उनकी दादी की ओर से चाची के नाम की एक डीड को आधार बनाया गया। हालांकि, इस विक्रय पत्र को जाली बताया गया है।

शिकायत में कहा गया है कि दादी ने अपना नाम हमेशा संपूर्ण ढींढसा लिखा है, जबकि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दाखिल रजिस्ट्री में उनका नाम संपूर्ण कौर लिखा गया है। दादी के स्पष्ट नाम को लेकर शिकायतकर्ता ने उनके पासपोर्ट की प्रति भी संलग्न की है। जिसमें दादी का नाम संपूर्ण ढींढसा दर्ज है।

तमाम तथ्यों का अवलोकन करने के बाद एसआइटी ने प्रकरण में एफआइआर करने की संस्तुति की। जिसके आधार पर शहर कोतवाली में रविंद्र मान, जसविंदर, कुलदीप सिंह और सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अज्ञात कार्मिकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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