चारधाम यात्रा पर बोले प्रीतम, भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा जनता के सामने हो चुका है बेनकाब
*बंद पड़ी चारधाम यात्रा को लेकर नेता प्रतिपक्ष के निशाने पर सरकार*
*चारधाम यात्रा और देवस्थानम बोर्ड को लेकर प्रीतम ने खड़े किए सरकार की मंशा पर सवाल*
*चारधाम यात्रा पर बोले प्रीतम, भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा जनता के सामने हो चुका है बेनकाब*
देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर सियासत शुरू हो गई है। सत्ता और विपक्ष यात्रा को लेकर आमने-सामने हैं। विपक्ष की
तरफ से नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने मोर्चा खोला हुआ है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में सब
खुला हुआ है लेकिन केवल चारधाम यात्रा बंद है। चारधाम यात्रा पर अपनी आजीविका के लिए निर्भर लोग आत्महत्या करने
के कगार पर आ गए हैं। सरकार मजबूती के साथ हाईकोर्ट में पक्ष रखने को तैयार नहीं है।उन्होंने कहा कि यह यात्रा राज्य की आर्थिकी से जुड़ी है।
प्रीतम सिंह ने कहा सरकार कुंभ का आयोजन कर चुकी है। जन आशीर्वाद यात्रा भी निकाल रही है। कोरोना की आड़ में चारधाम
यात्रा को रोका नहीं जाना चाहिए। सरकार को सुरक्षित यात्रा के लिए बंदोबस्त करना चाहिए। कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में
नियंत्रित चारधाम यात्रा चलाई थी। भाजपा सरकार को अतीत से सबक लेकर आगे बढ़ना चाहिए। भाजपा ने साढ़े चार सालों से
तीन मुख्यमंत्री बदले हैं। इनके पास न नियत है न ही काम करने की नियति है। देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज
लामबंद है, लेकिन सरकार आंख मुदकर बैठी है। कोरोना काल में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि
जनता महंगाई की मार से त्रस्त है। किसानों के सामने सकट खड़ा है। ऐसे में कांग्रेस चुप नहीं बैठ सकती।
आपको बता दे की सरकार से हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा खोलने का अनुरोध किया है। कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के
आदेश से पहले हाईकोर्ट यात्रा पर लगी रोक को नहीं हटा सकती है। बता दें कि हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा वाले ज़िलों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी,कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पर्याप्त तैयारिया नहीं करने,डॉक्टरों की कमी तथा जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर चारधाम यात्रा पर 28 जून को अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी।