चार साल पहले मां को खोने के बाद नहीं टूटा हौसला, प्रदेश में हासिल किया 12वां स्थान
अल्मोड़ा: चार साल पहले माँ का साया सिर से उठ गया था लेकिन बेटी ने अपने पिता की देखभाल के साथ-साथ बिना ट्यूशन पढ़े अपने नाम इंटरमीडिएट की सूची में दर्ज कर लिया है।
उत्तराखंड की होनहार बेटियों ने बोर्ड परीक्षा मे अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है और ये सब उनकी कड़ी मेहनत और पढ़ाई में लग्न के कारण ही संभव हो पाया है। इसी क्रम में अल्मोड़ा के छात्रा सीता ने प्रदेश में 12 वां स्थान हासिल कर क्षेत्र और अपने स्कूल का नाम रोशन किया है। चार साल पहले मां का साया सीता के सिर से उठ गया था लेकिन फिर भी वो टूटी नहीं और पूरे साहस के साथ खड़े होकर पिता की देखभाल, घर का कामकाज किया और बगैर ट्युशन पड़े सेल्फ स्टडी से ही अपना नाम इंटर की मेरिट सूची में दर्ज कराते हुए अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का काम किया है।
सीता चम्याल मूलरूप से अल्मोड़ा के बमनस्वाल (धौलादेवी) की रहने वाली हैं और ये रोजाना तीन किलोमीटर पैदल चलकर नगरखान विद्यालय पहुंचती थी। इनके पिता दीवान सिंह गांव में फेरी लगाकर सामान बेचते हैं और इनकी माँ जया देवी का चार साल पूर्व निधन हो चुका है। सीता रोज स्कूल से लौटने के बाद घर के रोजमर्रा के कामकाज निपटाने के साथ ही खेतों में काम करती थी और फिर सारे काम निपटाने के बाद सिर्फ रात में ही पढ़ाई का समय मिलता था सीता ने रात-रात भर पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है। जिससे उनके पिता के साथ ही पूरे क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है।
सीता ने बताया कि उनकी पढ़ाई की कोई समय-सीमा तय नहीं थी। घर के कामकाज के बाद जब भी समय मिला पढ़ाई करने बैठ जाती थी और मेधावी छात्र सीता ने इंटर की बोर्ड परीक्षा में 94.20 प्रतिशत प्राप्त किए। इन्होने 500 में से 471 अंक हांसिल करके प्रदेश में 12वीं के टॉपर में 12वां स्थान प्राप्त किया है। वे भविष्य में बीएड करके शिक्षिका बनना चाहती हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय विद्यालय के अध्यापकों तथा अपने पिता को दिया है, उनकी इस सफलता से पिता का सीना भी गर्व से चौड़ा हो गया है।