उत्तराखंडराजनीति

जांच एजेंसी और बेरोजगारों के मनोबल को तोड़ना चाहती है कांग्रेस : चौहान

भाजपा ने कहा कि सरकार भर्ती गड़बड़ियों की जांच करा रही है तो विपक्षी कांग्रेस नही चाहती कि मामलों की निष्पक्ष जांच हो। उसका मक़सद अफवाह फैलाकर महज राजनेतिक रोटियां सेकना है।
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि धामी सरकार गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच करा रही है तो दूसरी ओर जन हित के बड़े फैसले ले रही है। जन हित के बड़े फैसलों की जनता मुक्त कंठ से प्रसंशा कर रही है और यह कांग्रेस को हजम नही हो रही है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के आरोपों पर पलटवार करते हुए चौहान ने कहा कि अधीनस्थ चयन सेवा आयोग मे हुई भर्तियो की एसटीएफ निष्पक्ष जांच कर रही है और उत्तराखंड से बाहर से भी अपराधियों को सलाखो के पीछे पहुचाया है। अब तक हुई कार्यवाही यह साफ हो चुका है कि जांच को लेकर सरकार की मंशा पर कोई सवाल नही उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा की भू कानून को लेकर कांग्रेस का प्रलाप रजनीति से प्रेरित और जन विरोधी है। भाजपा इस कानून के जरिए राज्य के निवासियों के भूमि की सुरक्षा, संसाधनों के संरक्षण, राज्य वासियों के जमीनों की लूट खसोट को रोकने की दिशा मे कार्य कर रही है।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस को विधान सभा अध्यक्ष के निर्णय का सम्मान करना चाहिए। चौहान के कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के आरोप पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विधान सभा अध्यक्ष के निर्देश पर जांच कमेटी मामले की जांच कर रही है और जांच दल के सदस्य राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह रहे है, जिन्होंने सेवा के दौरान विकास कार्यो मे अहम योगदान दिया है। इसलिए उनकी निष्ठा और कार्यो पर सवाल उठाना सरासर गलत है।
कांग्रेस एक ओर भर्तियो मे गड़बड़ियों मे सवाल उठाकर एसटीएफ के मनोबल को कम करने की कोशिश कर रही है तो वहीं विधान सभा मे जांच कर रही कमेटी पर भी सवाल उठा रही है। कांग्रेस को जांच से कोई लेना देना नही है और वह महज अफवाह फैलाकर राजनीति कर रही है। जबकि भाजपा जांच कर दोषियों को सजा और बेरोजगारों के साथ न्याय करने की मंशा से कार्य कर रही है। सीएम ने जांच के चलते आगे परीक्षाओं मे विलंब न हो इसके लिए आगे की परीक्षाओं को लोक सेवा आयोग से कराने का निर्णय लिया और आयोग एक सप्ताह के भीतर कैलेंडर जारी करने का अश्वासन् दे चुका है। कांग्रेस को बेरोजगारों के हित मे सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए, जिससे जांच एजेंसियों के साथ बेरोजगारों के मनोबल पर भी असर न पड़े।

 

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