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जागेश्वर और आदि कैलाश का होगा केदारनाथ जैसा विकास

मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं के प्रमुख मंदिरों को भव्य व दिव्य स्वरूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। केदारनाथ व बद्रीनाथ की तर्ज पर आदि कैलास व जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान बनाया जा चुका है। इसके लिए 162 करोड़ 87 लाख रुपये की डीपीआर भी तैयार हो चुकी है।बुधवार को कैंप कार्यालय में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कंसल्टेंसी कंपनी के साथ इस परियोजना को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया। अल्मोड़ा स्थित जागेश्वर मंदिर व जिला पिथौरागढ़ के आदि कैलाश के गुंजी के मास्टर प्लान और डीपीआर को लेकर मंदिर समितियों, स्थानीय लोगों, विषय विशेषज्ञों, जिला प्रशासन से सुझाव लिए गए थे। कमिश्नर ने कहा कि जागेश्वर मंदिर के पास अरतोला को पार्किंग जंक्शन बनाया जाएगा। वहां से इलेक्ट्रॉनिक वाहनों से पर्यटकों को जागेश्वर लाया जाएगा। जागेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार को पहाड़ी शैली में बनाया जाएगा। दंडेश्वर मंदिर परिसर में पार्किंग शेल्टर बनाने के साथ ही आसपास स्थानीय लोगों के भवनों के पहाड़ी शैली में विकसित किया जाएगा। एएसआई म्यूजियम तथा केएमवीएन गेस्ट हाउस का सुंदरीकरण के साथ ही जटा गंगा नदी के सुंदरीकरण, ब्रिज, चेकडैम व घाट का भी निर्माण होगा। इसके लिए लगभग 150 करोड़ की डीपीआर तैयार की जा चुकी है।

देश-विदेश के पर्यटक बढ़ेंगे

कमिश्नर ने कहा कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के प्रोजेक्ट पूरा होने पर इन क्षेत्रों में देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी। इससे उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोगों को रोजगार के साथ ही प्रदेश की आर्थिकी भी बढ़ेगी।

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