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जी-20 बैठक के लिए नरेंद्रनगर तैयार,24 व 25 मई को जी-20 की दूसरी बैठक होगी

उत्तराखंड के टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में जी-20 सम्मेलन के लिए उत्तराखंड तैयार है। दो दिवसीय सम्मेलन में अंतराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र के एजेंडे पर मंथन किया जाएगा। इसके अलावा विदेशी मेहमान पहाड़ की संस्कृति और गंगा की दिव्यता को करीब से महसूस करेंगे। नरेंद्रनगर में 24 व 25 मई को जी-20 की दूसरी बैठक होगी। जिसमें जी-20 देशों के प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र को मजबूत करने पर गंभीर मंथन करेंगे। बैठक के बाद विदेशी मेहमानों को गंगा आरती से दिव्य और आत्मिक अनुभव होगा। नरेंद्रनगर के ओणी गांव जाकर पहाड़ के गांव में रहने वाले लोगों के जीवन को नजदीक से समझने का अवसर भी मिलेगा।24 मई को सभी विदेशी मेहमान जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। राज्य की पर्वतीय संस्कृति से रुबरू कराते हुए पारंपरिक नृत्य व वाद्य यंत्रों की धुन से उनका स्वागत किया जाएगा। एयरपोर्ट के अंदर व बाहर दीवारों पर बनाई गई पहाड़ की समृद्ध संस्कृति को दर्शाती आकृतियां भी मेहमानों को लुभाएंगी। इसके बाद सभी मेहमान नरेंद्रनगर जाएंगे। जी-20 की दूसरी एंटी करप्शन वर्किंग बैठक में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र को मजबूत करने पर गंभीर विचार विमर्श किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उत्तराखंड में हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून राज्य में लागू किया गया है। भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने के लिए 1064 वेब एप लांच किया गया है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाइन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था बनाकर राज्य में भ्रष्टाचार के समूल नाश का प्रयास किया है।

नरेंद्रनगर में होने वाली जी-20 की एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक उत्तराखंड के लिए दूसरी बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले रामनगर में जी-20 की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई। राज्य में जी-20 की सभी बैठकों के हमारे अनुभव अविस्मरणीय रहेंगे। इसके साथ ही जी-20 देशों से आने वाले विदेशी प्रतिनिधि भी अपने साथ राज्य की नैसर्गिक सौंदर्य, समृद्ध संस्कृति, अनूठे ग्रामीण जीवन के बेहतरीन अनुभव लेकर यहां से जाएंगे। जी-20 के सम्मेलन राज्य के लिए नए अवसर, नए अनुभव, अपनी पारंपरिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत, पर्यटन की क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर है।

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