उत्तराखंड

जैविक खेती कर किसान उपजा रहे स्ट्रोबेरी…

डोईवाला की ग्राम पंचायत माजरी ग्रांट के चांडी प्लांटेशन मे एक किसान पिछले तीन वर्षो से स्ट्रोबारी का उत्पादन कर रहा है, तो वही छेत्र मे स्ट्रोबेरी उत्पादन होने से स्थानीय लोग भी काफी खुश है की उन्हे बाजार से कम दाम पर ताजी स्ट्रोबरी मिल रही है, जहा बाजार मे 200-250 रुपए किलो स्ट्रोबरी बिक रही है तो वही अमरजीत सिंह 150 रुपए किलो स्ट्रोबरी बेच रहे, किसान अमरजीत सिंह बताते है की स्ट्रोबरी की खेती करते हुए उन्हे तीन साल हो गए हे इसकी खेती उन्होंने हिमाचल मे देखी थी, और फिर स्ट्रॉबेरी की खेती अपने गांव में करनी शुरु की, वह इसके पोधे हिमाचल से ही लाते है, किसान अमरजीत बताते है कि इसकी आमदनी मौसम के ऊपर निर्भर करती है अगर बारिश ना हो तो फसल की पैदावार अच्छी होती है, बारिश ज्यादा होने से स्ट्रौबरी खराब हो जाती है क्युकि इसके ऊपर छिलका नहीं होता यह नर्म फल होता है बारिश के कारण इसमें पानी चला जाता है जिससे इसमे फंगस लग जाती है, वही किसान का कहना है कि स्ट्रौबरी उत्पादन में लगभग 1 बीघा में लगभग 70 हजार की लागत लगती है और 1 लाख 20 हजार के आसपास की यह बिक जाती है, उन्होंने बताया कि यह फसल 6 महीने में तैयार हो जाती है। तो वहीं ग्राम पंचायत माजरी ग्रांट के उपप्रधान रामचंद्र बताते है कि हमारे पूरे डोईवाला छेत्र में सिर्फ माजरी ग्रांट में किसान अमरजीत सिंह ही स्ट्रॉबेरी के फसल लगाते है, ओर इससे उनको अच्छा मुनाफा भी होता है, ब्लॉक से भी उद्यान ओर कृषि विभाग से अधिकारी इसको देखने आते है, उन्होंने बताया कि हमने ग्राम पंचायत में इनको पोली हाउस लगाने के लिए भी प्रस्ताव दिया है, उन्होंने कहा कि छेत्र के और किसानो को भी जैविक खेती को अपनाना चाहिए ।…

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