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दक्षिणी पूर्वी एशिया में पाए जाने वाले इस अजगर को वन विभाग की टीम ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया

दुनिया में सांप प्रजातियों में सबसे बड़े माने जाने वाले बर्मीज पाइथन की मौजूदगी नैनीताल के पटवाडांगर क्षेत्र में मिली है। दक्षिणी पूर्वी एशिया में पाए जाने वाले इस अजगर को वन विभाग की टीम ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया है। जिसे कालाढूंगी क्षेत्र के जंगलों में छोड़ दिया गया है।अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की ओर संकटग्रस्त प्रजाति में शामिल बर्मीज पाइथन की नैनीताल में मौजूदगी से सर्प विशेषज्ञ भी हैरान हैं। हालांकि नैनीताल के आसपास गर्म क्षेत्रों में पूर्व में भी इस प्रजाति की मौजूदगी देखी गई है। विभाग की ओर से कुछ वर्षों पूर्व सौड़ बगड़ क्षेत्र से भी बर्मीज पाइथन का सफल रेस्क्यू किया गया था।

बता दें कि नैनीताल के समीपवर्ती पटवाडांगर क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लोगों को अजगर दिखाई दे रहा था। मंगलवार रात क्षेत्र में तैनात सुरक्षा गार्ड पानी की टंकी में पानी का लेवल देखने गया तो वहां टंकी में अजगर बैठा देख उसके होश उड़ गए। तत्काल उसने क्षेत्र के लोगों और वन विभाग को सूचित किया।

सूचना के बाद रात करीब 11:30 बजे वन विभाग की टीम क्षेत्र में पहुंची। मगर लोगों की भीड़ को देखकर अजगर पानी की टंकी के भीतर उतर गया। इस बीच विभाग के स्नेक कैचर निमिष दानू ने करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पानी की टंकी से अजगर को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया। जिसे चिड़ियाघर लाया गया।

जहां रेस्क्यू किए गए अजगर के बर्मीज पाइथन होने की पुष्टि हुई। करीब 12 फीट लंबे व 30 किलो वजन वाले बर्मीज पाइथन को टीम ने अगले दिन कालाढूंगी क्षेत्र के जंगलों में छोड़ दिया।

निमिष दानू में बताया कि दक्षिणी पूर्वी एशिया में अधिक पाया जाने वाला बर्मीज पाइथन सांप प्रजातियों में सबसे बड़ा है। जिसकी घटती संख्या के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की ओर से संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। जिसकी लंबाई अधिकतम 16 से 19 फीट तक हो सकती है। नर की अपेक्षा मादाएं अधिक बड़ी होती हैं।निमिष दानू ने बताया कि नैनीताल के समीप गर्म क्षेत्रों में बर्मीज पाइथन की मौजूदगी पहले भी देखी गई है। मगर इस क्षेत्र में यह बेहद कम ही दिखाई देते हैं। कुछ वर्ष पूर्व सौड़ बगड़ क्षेत्र से भी एक बर्मीज पाइथन रेस्क्यू किया गया था।

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