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देवभूमि में अवैध मजारों के जरिए “कन्वर्ट” की जा रही जमीन, खुल्लमखुल्ला चल रहा खेल

हल्द्वानी: उत्तराखंड में अब तक एक हजार से ज्यादा मजारें चिन्हित की जा चुकी हैं, जो वन विभाग या सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करके बनाई गई हैं। इनमें से कई मजारों को सरकार द्वारा ध्वस्त भी किया जा चुका है। इस बीच हल्द्वानी में कई अवैध मजारें बनाने के मामला सामने आया है।

पांचजन्य में छपी लेटेस्ट रिपोर्ट्स के अनुसार.. हल्द्वानी के कैंट एरिया के निकट आवास विकास के पीछे विनायक संपत्ति के पास एक मजार स्थापित कर दी गई है। वहीं काठगोदाम रेलवे स्टेशन के पीछे वन भूमि पर अवैध कब्जा कर मजार और एक भव्य इमारत बनाई गई है। इस संबंध में वन विभाग ने नोटिस जारी किया है। कुछ दिन पहले काठगोदाम रेलवे परिसर के पास सड़क चौड़ीकरण को लेकर हिंदू संगठनों ने एक मजार के खिलाफ विरोध दर्ज किया। यह मजार अब तक झाड़ियों में छुपी थी, लेकिन सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू होते ही इसके सेवक सामने आ गए और मजार को शिफ्ट करने के बदले भूमि की मांग करने लगे। इस पर हिंदू संगठन विरोध में उतर आए। बाद में प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत करवाया।हल्द्वानी के राजपुरा में एफसीआई के गोदाम के अंदर एक मजार बनाई गई है, जिसके निर्माण के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा राजपुरा में एक और मजार निर्माण हुआ है, जिसके चारों ओर मुस्लिम समुदाय ने कब्जा कर लिया है और वहाँ जमीनों की खरीद-फरोख्त का भी धंधा शुरू हो गया है। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से आगे बनभूलपुरा क्रॉसिंग के पास भी एक मजार स्थापित की गई है। इसी प्रकार हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के परिसर बरेली रोड पर शमा रेस्त्रां के पीछे और रामपुर रोड पर पेट्रोल पंप के पास भी मजारें बनी हैं। इन सभी मामलों पर सवाल उठ रहे हैं कि ये मजारें कैसे स्थापित की गईं। अवैध कब्जों को हटाने के लिए संबंधित विभाग और राज्य सरकार को तुरंत और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।काठगोदाम क्षेत्र का कुल एरिया 15 किलोमीटर से भी कम है, इसमें अचानक एक दर्जन से अधिक मजारें बन गई हैं, जिनके बारे में स्थानीय लोगों को भी कोई जानकारी नहीं है। कुछ पुराने मुस्लिम परिवार भी इस बात पर हैरान हैं कि ये मजारें किसने और क्यों बनाई। इसके अलावा देवबंदी मुसलमान मजारों पर सजदा नहीं करते, तो यह भी सवाल उठता है कि इन मजारों का उद्देश्य क्या है। यह भी चिंता का विषय है कि हल्द्वानी में कट्टरपंथी तत्वों की सक्रियता बढ़ रही है। खुफिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि जमीयत का एक मरकज हल्द्वानी में अपना केंद्र स्थापित करके कट्टरपंथ का प्रचार कर रहा है। हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा मामले में भी इस संदर्भ में संकेत मिले हैं, जिससे पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियाँ मामले की जांच कर रही हैं।

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