: देहरादून को मिलेगा बड़ा तोहफा, 6000 करोड़ में बनेगी एलिवेटेड रोड
देहरादून: राजधानी देहरादून में वाहनों का दबाव बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या भी बढ़ गई है। इसके समाधान के लिए जल्द ही रिस्पना और बिंदाल नदियों पर एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी।
इसके बनने से राजधानी में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। विधानसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इन परियोजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। साथ ही युवाओं को रोजगार से जोड़ने को लेकर भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे, ये भी बताया गया। पहले एलिवेटेड रोड परियोजना के बारे में जान लेते हैं। रिस्पना-बिंदाल नदी पर बनने वाली एलिवेटेड रोड पर 6 हजार करोड़ की लागत आएगी। रिपोर्ट में कहा गया कि रिस्पना नदी पर बनने वाली रोड के निर्माण पर 2500 करोड़ और बिंदाल पर बनने वाली एलिवेटेड रोड परियोजना के निर्माण पर 3500 करोड़ से अधिक का खर्च आएगा। माना जा रहा है कि बजट में देहरादून एलिवेटेड रोड के लिए 6 हजार करोड़ का प्रावधान रखा जा सकता है। रोजगार मेलों की बात करें तो पिछले साल युवाओं को रोजगार देने के लिए 121 रोजगार मेले आयोजित किए गए। इसमें 9278 युवा रोजगार के लिए आए, जबकि 2299 लोगों को रोजगार मिला।
चिंता वाली बात ये है कि अब भी प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या आठ लाख 68 हजार से ज्यादा है। सरकार ने चाय प्लांटेशन के जरिए लोगों को रोजगार से जोड़ने की योजना भी बनाई है। चाय विकास बोर्ड अगले 10 सालों में 5000 हेक्टेयर भूमि पर चाय का प्लांटेशन करेगा। इसमें 15 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में नई युवा नीति लाने के लिए युवा आयोग का गठन भी किया जाएगा। राज्य में आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने के लिए गांव स्तर पर प्रथम राहतकर्ता के रूप में पीआरडी युवाओं का आपदा राहत दल बनाने की योजना है। पहले चरण में जिले में 25 लोगों की एक टीम बनाई जाएगी। ग्राम पंचायत या विकासखंड स्तर पर युवक मंगल दलों के लिए रिसोर्स सेंटर बनाए जाएंगे। कोरोना काल के बाद प्रदेश में 600 नए उद्योगों की स्थापना हुई है। एमएसएमई सेक्टर की कुल इकाइयों की संख्या 78 हजार के करीब पहुंच गई है। इस सेक्टर में अभी तक कुल 5 लाख लोगों को रोजगार मिला है।