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देहरादून में सर्वाधिक व पौड़ी में सबसे कम बरसे मेघ

प्री मानसून झूमकर बरस रहा है। पिथौरागढ़ को छोड़कर समूचे उत्तराखंड में प्री मानसून अवधि में सामान्य से अधिक वर्षा हुई। आमतौर पर मैदानी क्षेत्रों में ऊंचाई वाले जिलों की अपेक्षा कम वर्षा होती है। इस बार सामान्य की अपेक्षा ज्यादा वर्षा वाले जिलों में ऊधम सिंह नगर व हरिद्वार सबसे आगे हैं।

ऊधम सिंह नगर जिले में सामान्य से 360 प्रतिशत व हरिद्वार में 197 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। दीर्घ अवधि के औसत (एलपीए) के अनुसार सर्वाधिक 168 मिमी वर्षा रुद्रप्रयाग में होती है, लेकिन इस बार सर्वाधिक 213 मिमी वर्षा देहरादून के हिस्से आई है।

मौसम विभाग एक मार्च से 30 जून की अवधि को प्री मानसून की श्रेणी में रखता है। नौ मई तक बीते प्री मानसून अवधि में उत्तराखंड में सामान्य से 58 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। पिथौरागढ़ अकेला जिला है जहां सामान्य से (पांच प्रतिशत) कम वर्षा हुई है। भौगोलिक संरचना व मौसमी परिस्थितियां ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ज्यादा वर्षा कराने के अनुकूल होती हैं।

पश्चिमी विक्षोभ व चक्रवाती तूफान का प्रभाव

जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के मौसमी विज्ञानी डा. आरके सिंह बताते हैं कि इस बार मार्च में एक के बाद एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता व फिर अप्रैल मध्य से चक्रवाती तूफान के सक्रिय होने से उत्तराखंड के साथ समूचे उत्तर भारत में अच्छी वर्षा देखने को मिली। इसका असर तापमान पर भी रहा। मई में पंतनगर, रुद्रपुर का तापमान 40-41 डिग्री तक पहुंचता है। इस बार 38 डिग्री तक गया है।

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