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नौकरी के लिए गढ़वाल से चंडीगढ़ गया था वीरेन्द्र रावत, वहां हुआ लापता, दर दर भटक रही है पत्नी

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के युवा रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे शहरों-राज्यों में संघर्ष करने को मजबूर हैं।

इस दौरान कई बार उनके साथ जानवरों सा सलूक किया जाता है तो कई बार उनके साथ अनहोनी तक हो जाती है। उत्तरकाशी का रहने वाला एक परिवार इन दिनों ऐसे ही दर्द से गुजर रहा है। यहां रहने वाला वीरेंद्र सिंह रावत चंडीगढ़ के होटल में काम करता था। पिछले 5 जुलाई से वीरेंद्र लापता है। वीरेंद्र की तलाश में उसकी पत्नी दर-दर भटक रही है, लेकिन उसका अब तक पता नहीं चल सका है। दो हफ्ते से वीरेंद्र के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। वीरेंद्र अपनी पत्नी दीक्षा और बच्चों के साथ चंडीगढ़ के मनिमाजरा में रहता था। दीक्षा ने कहा कि वीरेंद्र का एक साथी उसे 5 जुलाई को अपने साथ ले गया था, तब से पति घर नहीं लौटे।

दीक्षा ने पति के अपहरण को लेकर केस भी दर्ज कराया है, लेकिन उनका कहना है कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच नहीं कर रही। वीरेंद्र मूलरूप से उत्तरकाशी के बसराली गांव का रहने वाला है, वो पिछले कई साल से चंडीगढ़ के एक होटल में काम कर रहा था। पत्नी दीक्षा ने बताया कि 5 जुलाई की रात वीरेंद्र का एक दोस्त जिसका नाम खुशपाल है, वो उसे शराब पीने के बहाने अपने साथ ले गया था, तब से वीरेंद्र लापता है। युवक का दोस्त खुशपाल वीरेंद्र के बारे में पूछने पर कुछ नहीं बता रहा, न ही चंडीगढ़ पुलिस मामले में गंभीरता से कार्रवाई कर रही है। दीक्षा ने उत्तराखंड सरकार और प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार से मदद की गुहार लगाई है। दीक्षा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि पहाड़ की गरीब महिला को न्याय मिल सके।

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