न कोई ट्यूशन, सिर्फ घर पर की तैयारी और छू लिया सफलता का आसमान
सीबीएसई के 10वीं व 12वीं के परिणाम को लेकर छात्रों में काफी उत्साह नजर आया। परीक्षा परिणाम जारी होने की सूचना पर कई छात्र छात्र-छात्राएं शिक्षकों का आशीर्वाद लेने स्कूल पहुंचे जबकि कईयों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से एक दूसरे का परिणाम बताते हुए बधाई दी। इनमें कईयों को स्कूल पहुंचकर खुद के स्कूल टाप में आने के बारे में पता चला। जानते हैं इस बार क्या कहते हैं स्कूल टापर।
ना कोई ट्यूशन, सिर्फ घर पर की तैयारी
शिक्षांकुर द ग्लोबल स्कूल की टापर काव्या नेगी व उनकी जुड़वा बहन दिव्या नेगी ने 10वीं में क्रमश: 99.6 व 98.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। अजबपुर निवासी सुनीता नेगी व रविंद्र सिंह की बेटी काव्या का कहना है कि उन्होंने स्कूल के अलावा अपने घर पर ही परीक्षा की तैयारी की।
ट्यूशन भी नहीं लगाया लेकिन उन्हें पता था कि वह स्कूल में पढ़ाई के साथ उसे घर पर बेहतर तैयारी कर अच्छे अंक ला सकती हैं। यदि मेहनत लगन के साथ हो तो सपना भी जरूरी पूरा होता है। काव्या ने अंग्रेजी में 100, फ्रैंच 100, कम्यूटर 100, गणित 99, सामाजिक विज्ञान 99 जबकि विज्ञान में 96 प्रतिशत अंक हासिल किए।
शैड्यूल तैयार कर करें पढ़ाई, मिलेगी सफलता
दून इंटरनेशनल स्कूल में 98 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली 12वीं की टापर अपर नत्थनपुर निवासी गरिमा बिष्ट ने बताया कि अक्सर लोग टापर के बारे में सोचते हैं कि घंटों पढ़ाई की होगी। लेकिन सच यह है कि यदि सामान्य ढंग से पढ़ाई व अन्य गतिविधियों में भी भाग लें तो मन शांत रहता है और पढ़ाई में अधिक मन लगात है।
लेकिन यह कार्य नियमित होना चाहिए। मैंने हर दिन पांच से छह घंटे शैड्यूल के तहत पढ़ाई की। यदि शैड्यूल के अनुसार पढ़ाई हो तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है।
तनाव कम करने को पढ़ाई के साथ एक्सरसाइज जरूरी
वेल्हम ब्वायज स्कूल में 10वीं में 99.2 प्रतिशत के साथ स्कूल टाप करने वाले बरेली के रामपुर गार्डन निवासी विनीत अग्रवाल का कहना है कि पढ़ाई करने के साथ ही समय समय पर एक्सरसाइज करने से मन का तनाव कम होता है।
पढ़ाई को लेकर बताया कि मेरे परिवार की ओर से किसी तरह का कोई दवाब नहीं था। फिटनेस का ध्यान रखने के साथ ही कुकिंग का शौक भी है तो वह भी मैने पूरा किया। मेरा मानना है कि बोर्ड परीक्षा हो अथवा सामान्य सभी के लिए तैयारी शुरू से ही करनी होती है।
विद्यालय में अनुशासन, शिक्षकों का रहा आशीर्वाद
राजीव गांधी नवोहदय विद्यालय में 12वीं में 92 प्रतिशत अंक के साथ शैजला कुकरेती ने विद्यालय टाप किया। शैजला ने बताया कि कई छात्र विद्यालय में अनुशासन व एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की किताबों का गहन अध्ययन व शिक्षकों का भरपूर समर्थन के कारण उन्होंने यह अंक प्राप्त किए।
शिक्षकों को प्रत्येक छात्र से उम्मीद रहती है कि वह बोर्ड में बेहतर करेगा, ऐसे में शुरू से ही इसकी तैयारी कर दी थी। शैलजा ने अंग्रेजी में 89, हिंदी 95, इतिहास 99, भूगोल 99, अर्थशास्त्र 88 प्रतिशत अंक हासिल किए।
पिता का साया उठा तो मां ने दी निखिल को प्रेरणा
पिता का कोरोना से निधन होने के बाद निखिल थापली अंदर से टूट गए, लेकिन मां ने उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया। पुरकल यूथ डेवलपमेंट सोसायटी स्कूल के 12वीं के छात्र निखिल थापली ने विषम परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी और 12वीं में 93.4 प्रतिशत अंकों के साथ परचम लहराया। निखिल नेशनल डिफेंस ऐकेडमी की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं और सेना में अफसर बनकर देश सेवा करने के साथ ही अपनी मां का सहारा बनना चाहते हैं।
निखिल थापली अपने मां संगीता देवी के साथ शिगली गांव में रहते हैं। मई 2021 में कोविड के कारण उनके पिता का निधन हो गया। इस त्रासदी ने उन्हें और उनके परिवार को मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ दिया। हालंकि, उनकी मां ने हिम्मत नहीं हारी और दूध बेचकर बच्चों की पढ़ाई और अन्य खर्चों के लिए संघर्ष किया। निखिल का बड़ा भाई भी अभी स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। निखिल ने दृढ़ निश्चय के साथ कड़ी मेहनत की और 12वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
पुरकल यूथ डेवलपमेंट सोसायटी की प्रधानाचार्य आरती नागराज ने सभी मेधावियों को शुभकामनाएं दी हैं।पीवाइडीएस में अव्वल रहे विनीत कुमारपुरकल यूथ डेवलपमेंट सोसायटी (पीवाइडीएस) के 12वीं के छात्र विनीत कुमार ने 94 प्रतिशत अंकों के साथ स्कूल में प्रथम स्थान पाया है। बिष्ट गांव निवासी विनीत कुमार के पिता एक माल में सेल्समैन हैं। वह अपनी पढ़ाई के प्रति समर्पित रहे।
उन्होंने मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी और अब कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं। विनीत साफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र में नए प्रयोग करने की चाहत रखते हैं। इसके अलावा पीवाइडीएस में 10वीं कक्षा में देव कुमार वर्मा 92.17 प्रतिशत, रिया चौहान 91 प्रतिशत और साक्षी नेगी 90 प्रतिशत अंकों के साथ शीर्ष पर रहे।