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पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा की 105 वीं जयंती पर 25 महिला शिक्षिकाओं का सम्मान

देश की पहली व अब तक कि एक मात्र महिला प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी की 105 वीं जयंती के अवसर पर मंगला देवी इंटर कालेज में महिला शशक्तिकरण एवं सम्मान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व प्रबंध समिति के अध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने स्कूल की सीनियर, जूनियर व प्राइमरी की 25 महिला शिक्षिकाओं व 5 महिला कर्मचारियों को सम्मानित करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी देश ही नहीं दुनिया की महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत थीं व हमेशा रहेंगी। उन्होंने कहा कि श्रीमति इंदिरा गांधी को देश भक्ति व राष्ट्रप्रेम के संस्कार अपने माता पिता व दादा से मिले थे और जब वे छोटी बच्ची थीं तभी उन्होंने बाल सेना व वानर सेना का गठन कर स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय योगदान दिया और जब वे ऑक्सफ़ोर्ड विवि से उच्च शिक्षा ग्रहण कर 1941में भारत लौटीं तो वे फिर सक्रिय रूप से स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गई। श्री धस्माना ने कहा कि इंदिरा जी ने देश की आज़ादी कि बाद अपने पिता प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के सहायक के रूप में काम करना सीखा और उनकी योग्यता को देखते हुए देश के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने उनको अपनी कैबिनेट6में स्थान दे कर उनको देश का सूचना प्रसारण मंत्री बनाया और शास्त्री जी की मृत्यु के बाद जब इंदिरा जी को देश का तीसरा प्रधानमंत्री बनाया तो शुरू में राजनैतिक क्षेत्र में लोगों ने उनको हल्के में लिया लेकिन जब उन्होंने देश में पिरवीपर्स खत्म किया और बैंकों के राष्ट्रीयकरण का फैसला लिया टाब लोगों ने उनका लोहा माना। श्री धस्माना ने कहा कि 1971 के भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में इंदिरा जी के कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर 1 लाख पाक सैनिकों से आत्मसमर्पण करवाया तो देश की संसद में तब के नेता विपक्ष अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उनको माँ दुर्गा की संज्ञा दी। श्री धस्माना ने कहा कि इंदिरा जी मरते दम तक भारत की एकता अखंडता के लिए प्रतिबद्ध रहीं व 31 अक्टूबर 1984 को जब उनके ही सुरक्षाकर्मियों द्वारा उनको गोलियों से छलनी कर दिया गया उससे कुछ दिन पहले उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था कि चाहे उनकी जान भी चली जाय तब भी उनके खून का एक एक कतरा देश के काम आएगा।
इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष डॉक्टर सुनील अग्रवाल ने कहा कि इंदिरा जी में निर्णय लेने की अदभुत क्षमता थी व देश में जब उन्होंने गरीबी हटाओ का नारा दिया तो उससे देश के गरीबों के लिए तमाम कल्याण कारी योजनाएं शुरू हुईं जिसके परिणामस्वरूप कमजोर लोगों के उत्थान की शुरुआत हुई। इस अवसर पर प्रबंध समिति के अध्यक्ष लोकेश बहुगुणा, प्रधानाचार्य श्रीमती गायत्री रावत , प्रवक्ता कुलदेही रावत, प्रवक्ता दिव्यांशु नौटियाल, श्रीमती मधु रावत,श्रीमति अंजुल बहुगुणा,श्रीमती शालिनी समेत स्कूल के समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता श्री कपूर सिंह पंवार ने किया।
इस अवसर पर श्री धस्माना द्वारा स्कूल की सभी 25 महिला शिक्षिकाओं व अन्य शिक्षक व कर्मचारियों को उपहार व मिष्ठान वितरित किये व सभी छात्र छात्राओं को चॉकलेट वितरित की गई।

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