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पुलिस के ये 10 कमांडो रोकेंगे डिजिटल अपराध, साइबर ठगों की अब खैर नहीं

देहरादून: ये सभी देश के प्रमुख संस्थानों से विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इन साइबर कमांडो का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधों पर रोक लगाना और साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करना है। यह योजना केंद्र सरकार की ओर से लागू की जा रही है।

टेक्नोलॉजी के इस दौर में बढ़ते साइबर हमलों को देखते हुए उत्तराखंड ने भी साइबर कमांडो की टीम बनाई है। पहले चरण में 10 पुलिसकर्मियों को साइबर कमांडो के रूप में चुना गया है, जो देहरादून और हल्द्वानी के साइबर क्राइम थानों से चयनित किए गए हैं। इन कमांडो ने हाल ही में इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (I4C) की ऑनलाइन परीक्षा पास की थी। साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू मानते हुए, केंद्र सरकार ने साइबर कमांडो की योजना बनाई है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे डिजिटल दुनिया के पार जाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के हिस्से के रूप में देखा है। अब प्रदेश में इस योजना को लागू किया जा रहा है और जल्द ही ये चयनित पुलिसकर्मी विशेषज्ञ प्रशिक्षण के लिए भेजे जाएंगे।

साइबर कमांडो की लिस्ट में निम्न पुलिसकर्मी हैं शामिल:-

1. सब इंस्पेक्टर राजीव सेमवाल
2. सब इंस्पेक्टर आशीष गुसांई
3. सब इंस्पेक्टर राजेश ध्यानी
4. सब इंस्पेक्टर राहुल कापड़ी
5. महिला सब इंस्पेक्टर वंदना
6. सहायक सब इंस्पेक्टर विनोद बिष्ट
7. हेड कांस्टेबल पवन
8. कांस्टेबल उष्मान
9. कांस्टेबल अरविंद बिष्ट
10. कांस्टेबल सुभाष खत्री

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