उत्तराखंड

प्रधानमंत्री मोदी जी के अथक प्रयासों से ही आज योग को पूरा विश्व अपना रहा है

 

 

*बिना पैसे के स्वस्थ रहना है तो अपने जीवन में नियमित योग करें – रेखा आर्या*

 

*2014 से पहले ऋषि मुनियों के मानव कल्याण के लिए योग को कोई नहीं जानता था*

 

 

 

*देहरादून*: कैबिनेट मंत्री माननीय श्रीमती रेखा आर्या जी आज पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार , भारतीय प्राणी सर्वेक्षण उत्तरी केंद्र देहरादून व माटी संस्था के साथ बिल्डिंग ड्रीम फाउंडेशन के सहयोग से भारतीय प्राणी स्थल देहरादून में आज भारत की आजादी के 75 वर्ष को मनाने के लिए कार्यक्रम ” योग दिवस 2022″ , जिसकी थीम “मानवता के लिए योग” है में शामिल हुई । साथ ही इस दौरान उन्होंने नेचर ट्रेल का शुभारम्भ भी किया व प्राणी सर्वेक्षण के पारिस्थितिकी म्यूजियम का अवलोकन भी किया।

 

8 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर माननीय मंत्री महोदया ने अपने संबोधन में कहा कि अगर हमें बिना पैसे के अपने आप को फिट रखना है तो हमें भारत की प्राचीन पद्धति योग को अपनाना होगा। ऋषि मुनियों के हजारों सालों के अथक प्रयासों के बाद उन्होंने मानव के लिए स्वस्थ जीवन को बनाने के लिए योग पद्धति को ईजाद किया लेकिन धीरे- धीरे हमारा समाज इन सबको भूलता गया । उन्होंने कहा कि शायद ही 2014 से पहले किसी को योग के बारे में पता होगा, लेकिन हमारे यशश्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे विश्व को योग के लिए आह्वान किया जिसके फलस्वरूप 170 देशों ने अपनी सहमति दी जिसके बाद आज हम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस विश्व स्तर पर मना पा रहे हैं। माननीय मंत्री जी ने कहा कि अगर हमें बिना पैसे के स्वस्थ रहना है और डॉक्टरों के चक्कर नहीं काटने हैं तो हमें योग अपनाना होगा।

 

 

इस दौरान माननीय मंत्री श्रीमती रेखा आर्या जी ने आये बच्चों, वैज्ञानिकों व अन्य लोगों के साथ योग भी किया।

 

मंत्री महोदया ने कहा कि योग केवल इस दिन तक सीमित न होकर सभी को अपने जीवन में हर दिन अपनाना होगा तभी हम स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।

 

इस दौरान डॉ. गौरव शर्मा, प्रभारी अधिकारी, और भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग के प्रमुख, उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र, देहरादून; डॉ. कैलाश चंद्र, पूर्व निदेशक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया मुख्यालय, कोलकाता; डॉ. रंजीत सिंह, वैज्ञानिक-जी और प्रमुख, कीट विज्ञान विभाग, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून; डॉ। एस.के. सिंह, प्रभारी अधिकारी और कार्यालय प्रमुख, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र, देहरादून; प्रो. वी के वालिया, जूलॉजी विभाग, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ और श्री विपिन चौधरी, प्रबंध निदेशक, राणा फार्म क्लब, देहरादून, डॉ सुरभी जायसवाल , श्री रंजीत जी सहित अन्य अधिकारी, वैज्ञानिक व कर्मचारीगण मोजूद रहे।

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