उत्तराखंडचार धामदेहरादून

बर्फबारी में भी कम नहीं हुई बाबा की आस्‍था, दर्शन को लगी लंबी कतार

विगत 25 अप्रैल को कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ धाम में बर्फबारी हो रही है। वहीं रुक-रुककर बारिश का दौर भी जारी है। लेकिन भक्‍तों की आस्‍था में कोई कमी नहीं आ रही है। सोमवार को भी बाबा केदार के धाम में बर्फबारी और बारिश हुई। लेकिन इसके बावजूद दर्शनों के लिए भक्‍तों की लंबी लाइन लगी रही।विगत 22 अप्रैल से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा सुचारू है। वहीं बारिश और बर्फबारी से चारों धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। केदारनाथ धाम में सोमवार सुबह से ही मौसम खराब बना हुआ है। धाम में बारिश और बर्फबारी जारी है। सोनप्रयाग से सुबह छह बजे तक 1520 श्रद्धालुओं को केदारनाथ के लिए रवाना किया गया।

वहीं रविवार तक छह दिन में केदारनाथ धाम में नब्बे हजार तीर्थयात्रियों भोले बाबा के दर्शन कर चुके हैं। आने वाले दिनों में यात्रियों की संख्या में ओर इजाफा हो सकता है, इसको देखते हुए मंदिर समिति ने लगातार व्यवस्थाओं में जुटी है।

नई व्यवस्था से अधिक से अधिक यात्री दोपहर तक दर्शन कर सकेंगे

केदारनाथ धाम में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दोपहर को यात्री अधिक से अधिक दर्शन कर सकें, इसके लिए मंदिर समिति ने अब दोपहर तीन बजे के बजाय आधा घंटे का समय बढ़ाकर साढ़े तीन बजे तक कर दिया है। ताकि दोपहर को अधिक से अधिक भक्त दर्शन कर वापस गौरीकुंड लौट सकें।एक घंटा दोपहर में मंदिर की सफाई, भोग लगाने के बाद फिर से साढ़े चार बजे मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जा रहे हैं और शाम तक लाइन में लगे यात्री दर्शन नहीं कर लेते मंदिर के कपाट खुले रहते हैं। इसके बाद ठीक शाम साढ़े सात बजे आरती होती है

जबकि रात्रि की विशेष पूजाएं यात्रियों की भीड़ को देखते हुए ग्यारह बजे रात्रि से ही शुरू की जा रही हैं। मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि दर्शनों का समय तीन बजे दोपहर से बढ़ाकर साढ़े तीन बजे कर लिया गया है, ताकि अधिक से अधिक यात्री दर्शन कर वापस लौट सकें।

केदारनाथ धाम में व्यवस्थाओं के लिए मुख्य कार्याधिकारी करेंगे कैंप

केदारनाथ धाम में लगातार बढ़ रही भक्तों की भीड़ व मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने केदारनाथ में मुख्य कार्याधिकारी को कैँप करने के निर्देश दिए हैं, जबकि वह स्वयं बदरीनाथ में डेरा जमाए हुए हैं, तथा व्यवस्थाओं को सुचारू करने में जुटे हैं।

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