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‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ बलिदानी विनोद सिंह पंचतत्व में विलीन, एक झलक पाने को लगी भीड़

जम्मू के कठुआ जिले में आतंकवादी हमले में अठुरवाला निवासी नायक विनोद सिंह भंडारी का बलिदान हो गया। बलिदान हुए भानियावाला के जवान विनोद सिंह का अंतिम सस्कार गंगा तट स्थित पूर्णानंद घाट पर सैन्य सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान हजारों लोग आंखों ने बलिदानी विनोद सिंह को अंतिम विदाई दी।बुधवार को ‘बलिदानी विनोद सिंह अमर रहे’, ‘भारत माता की जय’ के जयघोष के साथ बलिदानी विनोद सिंह की अंतिम यात्रा मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट पहुंची। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में नागरिकों ने नम आंखों से बलिदानी को अंतिम विदाई दी। सेना के बैंड की गूंज तथा बलिदानी के सम्मान में नारों से आकाश गूंज उठा।

इस अवसर पर सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल तथा सुबोध उनियाल ने बलिदानी को पुष्प चक्र अर्पित किए। सेना की ओर से आठवीं गढ़वाल राइफल के कमान अधिकारी अर्शदीप सिंह सहित विभिन्न रैंक के अधिकारियों, पूर्व सैनिकों तथा जनप्रतिनिधियों ने बलिदानी के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किया।

सेना के जवानों ने बलिदानी को शस्त्र सलामी दी। जिसके बाद गंगा घाट पर बलिदानी विनोद सिंह के भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। कमान अधिकारी ने बलिदान की आखिरी निशानी के रूप में तिरंगा तथा बलिदानी की बेल्ट तथा टोपी उनके पिता को सौंपी।

अपने घर के इकलौते बेटे

विनोद सिंह मूल रूप से ग्राम चौण्ड, पो-खंडोगी खास पट्टी टिहरी गढ़वाल के निवासी थे। पिछले सात वर्षों से उनका पूरा परिवार डोईवाला के अठुरवाला में रह रहा है। बलिदानी विनोद सिंह के पिता वीर सिंह भंडारी व चाचा शूरवीर सिंह भी सेना के बंगाल इंजीनियरिंग विंग से सेवानिवृत्त हैं। विनोद सिंह अपने घर के इकलौते बेटे थे। उनके अलावा उनकी तीन बहनें हैं। जिनका विवाह हो चुका है।

विनोद सिंह तीन माह पूर्व ही अपने घर अठुरवाला आए थे। जहां पर उनके घर में उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया था। जो वर्तमान में तीन माह की है। विनोद सिंह के बलिदान का समाचार सुनकर क्षेत्र में शोक व्याप्त है। साथ ही दूर-दूर से लोग उनके घर पहुंच कर अपनी संवेदना जता रहे हैं।

सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है, क्योंकि हमने भाई और बेटा खोया है। हमारे रणबांकुरों ने उत्तराखंंड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए मां भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मां भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध हमारे वीर जवानों का यह सर्वाेच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी, मानवता के दुश्मन आतंकवादी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे और इनको पनाह देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। सैन्यभूमि उत्तराखंड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि है। यहां के जवानों ने सदैव मां भारती की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपने राष्ट्रधर्म का निर्वहन किया है।

अंतिम यात्रा में एसपी देहात देहरादून लोकजित सिंह, एडीएम जय भारत, उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर देवेंद्र नेगी, पूर्व विधायक धन सिंह नेगी, निवर्तमान पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष विनोद कुकरेती, देवेश उनियाल, भाजपा जिला अध्यक्ष ऋषिकेश रविन्द्र राणा आदि उपस्थित रहे।राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकवादी हमले में उत्तराखंड के पांच जवानों के बलिदान पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने बलिदानियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना व घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि जाबांज जवानों ने उत्तराखंड की सैन्य परंपरा का पालन करते हुए देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इन जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है और उनके इस बलिदान को शब्दों में व्यक्त करना असंभव है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे रणबांकुरों ने राज्य की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए मां भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। मां भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार बलिदानियों के स्वजन के साथ खड़ी है।

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