मसूरी की इस खदान में है आत्माओं का ठिकाना, यहां आज भी सुनाई देती हैं डरावनी आवाजें
देहरादून: अपनी खूबसूरत वादियों के लिए मशहूर उत्तराखंड देश-विदेश के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां की हसीन वादियों में कुछ जगहें ऐसी भी हैं, जिन्हें आत्माओं का ठिकाना कहा जाता है।
जिस तरह विंचेस्टर मिस्ट्री हाउस, एमटीविले हाउस, व्हाइट हाउस, मिटलेस प्लांटेशन, द जोशुआ वार्ड हाउस जैसी जगहें स्पूकी टूरिज्म के लिए मशहूर हैं, उसी तरह उत्तराखंड में भी ऐसी कई जगहें हैं, जिन्हें देश की सबसे डरावनी जगहों में शुमार किया जाता है। देहरादून के पास स्थित मसूरी में एक ऐसी ही जगह है, कहते हैं यहां आज भी मजदूरों की आत्मा भटकती है, लोगों को मदद के लिए पुकारती हैं। हम बात कर रहे हैं लांबी देहर माइंस की, जो कि मसूरी के बाहरी इलाके में स्थित है। कहते हैं साल 1990 से पहले यहां पर हजारों मजदूर काम करते थे। इसी दशक में यहां एक अप्रिय घटना घटी और एक हादसे में कई मजदूरों की जान चली गई। दरअसल लाइमस्टोन माइंस में बीमारियों से बचाव के लिए कई सुरक्षा नियम बने हुए थे, पर लांबी देहर माइंस में इस तरह के किसी भी नियम का पालन नहीं होता था।
नतीजतन यहां पर बड़ी तादाद में मजदूर बीमारी से मरने लगे। यहां माइंस में काम पर लगे ट्रकों के पहाड़ी से गिरने की भी कई घटनाएं हुई हैं। लिहाजा माइन को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। तब से यह माइन बदहाल है और काफी भयावह है। कहते हैं यहां 50 हजार लोग बीमार पड़ गए थे। हजारों लोगों की मौत होने के बाद गांव के लोग यहां से पलायन कर गए। उसके बाद इस जगह को भुतहा घोषित कर दिया गया। लोग बताते हैं कि इस वीरान जगह पर एक हेलीकॉप्टर रहस्यमयी तरीके से क्रैश हो चुका है। खाली पड़ी ये माइन और इसके आसपास बने घर अब आत्माओं का ठिकाना हैं। इस जगह के बारे में यह भी कहा जाता है कि यहां चलते हुए वाहन अचानक सड़क से उत्तर जाते हैं, जिससे कई बार गंभीर हादसे भी हो जाते हैं। रात के वक्त यहां लोगों की आवाज सुनाई देती है। खाली पड़ी ये माइन और इसके आसपास बने घर अब आत्माओं का ठिकाना हैं।