महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में बनेगी शूटिंग एकेडमी, भविष्य के ओलिंपियन निशानेबाज होंगे तैयार
वहीं निशानेबाजी के क्षेत्र में नई पौध भी तैयार हो सकेगी। आधुनिक शूटिंग उपकरणों के मामले में यह देश की पहली और क्षमता के मामले में भोपाल और दिल्ली के बाद देश की तीसरी शूटिंग रेंज है। शूटिंग अकादमी में 20 करोड़ की लागत से स्विटजरलैंड से खरीदे गये 160 इलेक्ट्रानिक टारगेट लगे हैं। इस तरह के अत्याधुनिक इलेक्ट्रानिक टारगेट का इस्तेमाल पूर्व में पेरिस ओलिंपिक में किया गया था।
25 मीटर रेंज में दिल्ली से आगे निकल सकता है दून
दिल्ली की करनी सिंह रेंज में 25 मीटर की स्पर्धा के लिए 60 टारगेट क्षमता है। वहीं राष्ट्रीय खेलों के लिए त्रिशूल शूटिंग रेंज में 60 टारगेट लगाये गये हैं लेकिन इस रेंज की पूरी क्षमता 65 टारगेट की है। आने वाले दिनों में जरूरत के हिसाब से यहां 65 टारगेट फिक्स किये जा सकते हैं।वहीं 10 मीटर की रेंज में 60 टारगेट और 25 मीटर की रेंज में 40 टारगेट यहां लगे हुए हैं। शूटिंग कोच अरुण सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों में निशानेबाजों ने यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिकार्ड भी तोड़े हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि शूटिंग रेंज विश्वस्तर के मानकों को पूरा करती है। यहां लगे अत्याधुनिक शूटिंग टारगेट से सौ फीसदी सटीक स्कोरिंग हो रही है।