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युवाओं को नहीं रहेगा प्रमाण पत्र खोने का डर

प्रदेश सरकार ने स्कूलों में ही विद्यार्थियों के लिए प्रमाणपत्र बनाने की व्यवस्था के लिए बेहद अहम कदम उठाया है। इसके साथ ही इन्हें डिजीटल लाकर में सुरक्षित रखने की कवायद भी की जा रही है, ताकि प्रमाणपत्र खोने की स्थिति में विद्यार्थियों को परेशान होने की जरूरत न पड़े। उनके सभी प्रमाणपत्र डिजी लाकर में सुरक्षित रह सकेंगे।

प्रदेश में स्थायी निवास, जाति प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र बनाने की सबसे अधिक जरूरत 12वीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को ही होती है। इन्हें इस समय विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं व सरकारी सेवाओं के लिए फार्म भरने होते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है।

इन प्रमाण पत्रों को बनाने के लिए विद्यार्थियों व अभिभावकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब स्कूल स्तर पर ही यह सुविधा मिलने से उन्हें राहत मिल जाएगी। इतना ही नहीं, सरकार इस कड़ी में एक और अहम कदम उठाने जा रही है।

यह कदम सभी विद्यार्थियों के लिए डिजी लाकर बनाना है। इसे बनाने की प्रक्रिया भी स्कूलों में ही की जाएगी। इस डिजी लाकर में विद्यार्थी इन प्रमाण पत्रों के साथ ही अपनी अंक तालिका, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, लाइसेंस आदि दस्तावेज सुरक्षित रख सकेंगे।

सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी शैलेश बगोली का कहना है कि स्कूली स्तर पर ही यह सुविधा मिलने से विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही डिजी लाकर बनने से उनके प्रमाण पत्र भी सुरक्षित रह सकेंगे।

अभी सीएससी के काटने पड़ते हैं चक्कर

अभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र बनाने के लिए कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के चक्कर काटने पड़ते हैं। साथ ही दस्तावेजों को पूरा करने के लिए लिए कई बार खुद भी तहसीलदार व एसडीएम कार्यालयों के चक्कर लगाने होते हैं। अब फायदा यह होगा कि शुल्क व मूल दस्तावेज स्कूलों में ही जमा कराकर उन्हें ये सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल सकेंगी। इसके लिए उन्हें इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा।

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