राज्य सरकार के दबाव में पुलिस कार्रवाई न करने को मजबूर, अपराधी मस्त :- जोत सिंह बिष्ट
आम आदमी पार्टी प्रदेश कार्यालय में आज पार्टी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला पत्रकारों को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार इतने महत्वपूर्ण मसले को देश की जनता से छुपा रही है, उसी के नक्शे कदम पर चलते हुए उत्तराखंड की सरकार भी अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी वीआईपी का नाम अब तक उजागर करने के बजाय छुपाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एसआईटी पर दबाव बनाकर इस नाम को उजागर होने से रोके हुए है। आम आदमी पार्टी अंकिता हत्याकांड की घटना की जानकारी सार्वजनिक होने के पहले दिन से पुलिस थाने से लेकर के महामहिम राज्यपाल तक अंकिता की हत्या की जांच हाईकोर्ट के जज की देखरेख में कराने की मांग लगातार कर रही है। इसके लिए हमने धरना दिया, प्रदर्शन किये, कैंडल मार्च निकाला और हमारे अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने, सामाजिक संगठनों ने लगातार इस मुद्दे को उजागर करने का प्रयास किया। लेकिन सरकार की कान पर जूं नहीं रेंगी। सरकार वीआईपी का नाम लगातार छुपा रही है।
इस घटना में सबसे पहला दोषी वह पटवारी है जिसने 5 दिन तक अंकिता के पिता की एफ आई आर दर्ज नहीं की। उसको गिरफ्तार होना चाहिए था।
दूसरा दोषी वह लोग हैं जिन्होंने रातों-रात बुलडोजर ले जाकर साक्ष्यों को छुपाने के लिए अंकिता जिस कमरे में रहती थी उस कमरे को तोड़ा। इस बात को एसआईटी ने कोर्ट ने स्वीकार किया कि उनको फॉरेंसिक जांच के लिए घटनास्थल पर साक्ष्य नहीं मिले और इसकी वजह है कि साक्ष्य बुलडोजर के माध्यम से नेस्तनाबूद कर दिए गए। उन बुल्डोजर चलाने वालों को जेल में होना चाहिए था।
वनान्तरा रिसोर्ट और उसके पीछे जो फैक्ट्री है जो घटना स्थल है जहां पर अंकिता के साथ अन्याय की शुरुआत हुई उस रिसोर्ट का स्वामी विनोद आर्य है। जिसको सरकार शुरू दिन से लेकर आज तक बचा रही है। उसको गिरफ्तार होना चाहिए था। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं, वीआईपी का नाम उजागर करके उसको जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए था। कोई कार्यवाही नहीं हुई और अब एक नया तथ्य जो पिछले 2 दिन से सोशल मीडिया पर तैर रहा है कि यह परिवार केवल अंकिता का हत्यारा नहीं बल्कि यौन शोषण के अपराध में भी लिप्त है।
जिस ड्राइवर ने इस मामले को उजागर किया, पुलिस में उसकी सुनवाई नहीं हुई। उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश हो गए उसके बावजूद विनोद आर्य को गिरफ्तार न किया जाना, बीआईपी का नाम उजागर न करना, नार्को टेस्ट में बिलम्ब भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा अपनी पार्टी के अपराधियों को बचाने की पूरी पूरी कोशिश दिख रही है। पुलिस की जांच को भटका रही है।
उत्तराखंड की सरकार यूपी ट्रिपल एससी भर्ती घोटाले के सफेदपोश अपराधियों को बचा रही है। विधानसभा भर्ती घोटाले में जिन लोगों ने गलत तरीके से भर्ती की हमारा सीधा आरोप है कि इस गलत तरीके से भर्ती करने में 5 सरकारों में रहे विधानसभा अध्यक्ष के अलावा सभी मुख्यमंत्री जिन्होंने विचलन के माध्यम से नियुक्तियों की स्वीकृति जारी की वह सब भी इस मामले में दोषी हैं। सब के खिलाफ कार्रवाई बनती है। लेकिन एक व्यक्ति जो स्वयं दोषी है वह अपने खिलाफ या अपने समकक्ष उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि राज्य के अंदर अपराधियों के हौसले बुलंद है। राज्य की कानून व्यवस्था चौपट है। एक मंत्री जी को जान से मारने की धमकी दी जाती है तो दूसरे मंत्री जी के भाई के घर में दिनदहाड़े डाका पड़ता है। अंकिता हत्याकांड के बाद लगातार पहाड़ के वह नौजवान जो रोजगार के लिए घर से बाहर निकले थे उनकी हत्या हो रही है। राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। राज्य सरकार में बैठे लोग अपराध कर रहे हैं और उनको सरकार का संरक्षण प्राप्त है। राज्य का बेरोजगार सड़कों पर भटक रहा है। अतिथि शिक्षक के गले पर तलवार लटकी हुई है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। कुल मिलाकर के राज्य की जनता हताश है। निराश है।
आम आदमी पार्टी नए साल के आगाज के साथ पूरे राज्य के अंदर इन सारे मुद्दों पर जन जागरण अभियान चलाने के लिए तैयारी कर रही है। 2023 में राज्य भर में जन जागरण अभियान चलाकर के भारतीय जनता पार्टी के कारनामों का खुलासा किया जाएगा । प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष आर पी रतूड़ी ,नरेश शर्मा, गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र सिंह आनंद, प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन, प्रदेश प्रवक्ता हेमा भंडारी, प्रदेश सचिव नासिर खान ,अमित कुमार ,सीपी सिंह ,जिला प्रवक्ता अक्षय शर्मा ,सुधा पटवाल ,सुरेश सैनी आदि मौजूद रहे ।