उत्तराखंडदुर्घटना

स्कूल नहीं आए गुरूजी, परीक्षा नहीं दे पाए 20 छात्र..4 शिक्षक सस्पेंड

दीपावली अवकाश के बाद स्कूल तो खुला लेकिन स्कूल में शिक्षक नहीं आए। शिक्षकों के विद्यालय में न पहुंचने के कारण 29 अक्टूबर को विद्यालय में अध्यनरत 20 छात्र छात्राएं अर्धवार्षिक परीक्षा से वंचित रहे। जिला शिक्षा अधिकारी पदमेंद्र सकलानी ने बताया कि एस मामले में 4 शिक्षकों को निलंबित किया गया है। ये है कि उत्तरकाशी का जूनियर हाईस्कूल जेमर…यहां इससे पहले स्कूल के ताले न खुलने का मामला तूल पकड़ गया था। बताया जा रहा है कि इसे लेकर भी स्कूल में तैनात प्रधानाध्यापक समेत चार शिक्षकों के खिलाफ अभिभावकों में आक्रोश था। जूनियर हाईस्कूल जेमर में 28 और 29 अक्टूबर को ताले नहीं खुले। विद्यालय में तैनात चार शिक्षकों में से एक भी शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचा। इस वजह से 29 अक्टूबर को प्रस्तावित अर्द्धवार्षिक परीक्षा में कक्षा छह, सात और आठ का अंग्रेजी और संगीत का पेपर नहीं हो पाया।

जेमर गांव की प्रधान रोशनी देवी ने कहा कि जूनियर हाईस्कूल में 20 बच्चे अध्ययनरत हैं। पर्याप्त शिक्षक होने के बाद भी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था सही नहीं है। इस वजह से ग्रामीण अपने बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों में करा रहे हैं। कुछ वर्ष पहले विद्यालय में तीन कंप्यूटर भी आए थे। जो अभी तक खोले नहीं गए। गत शनिवार को अर्द्धवार्षिक परीक्षा का पेपर था। सभी बच्चे स्कूल पहुंचे। परंतु विद्यालय का ताला नहीं खुला। सूचना पर अभिभावक स्कूल में पहुंचे। इसी बीच एक शिक्षिका भी आई। परंतु उसके पास स्कूल की चाबी नहीं थी। जिसके बाद अभिभावकों ने मुख्य गेट पर ताला मार दिया। इन शिक्षकों में प्रधानाध्यापक दुर्गा लाल खनेटी, गंगेश्वर परमार, सुशीला बहुगुणा और दिनेश चमोली शामिल हैं। इन शिक्षकों की विद्यालय में न पहुंचने के कारण 29 अक्टूबर को विद्यालय में अध्यनरत 20 छात्र छात्राएं अर्धवार्षिक परीक्षा से वंचित रहे। चार शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ने निलंबित कर दिया है।

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