हरादून जिले के कालसी क्षेत्र के खमरौली गांव में भी हैं। वहां 25 से अधिक घरों में दरारें
बदरीनाथ धाम की यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ जैसे ही हालात देहरादून जिले के कालसी क्षेत्र के खमरौली गांव में भी हैं। वहां 25 से अधिक घरों में दरारें आने से लोग भयभीत हैं। इस मामले को लेकर शासन भी सक्रिय हो गया है।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार खमरौली को लेकर जिलाधिकारी से प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी गई है। वहां भूधंसाव के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजने के साथ ही अन्य कदम उठाए जाएंगे।
25 घर खतरे की जद में आ गए हैं।
कालसी तहसील के बमटाड़ खत का खमरौली गांव वर्ष 2007 से भूधंसाव की समस्या से जूझ रहा है। बताया गया कि तब प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क का निर्माण कार्य होने के दौरान से खमरौली में घरों व आंगन में छिटपुट रूप से दरारें पड़ने का क्रम शुरू हुआ। 50 परिवारों वाले इस गांव में अब यह दरारें चौड़ी हो रही हैं। इसके कारण 25 घर खतरे की जद में आ गए हैं।साल 2013 में हुआ था भूधंसाव
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2013 में भी गांव में भूधंसाव तेज हुआ था। तब स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षात्मक कार्यों के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बार 19 जुलाई की रात हुई भारी वर्षा के बाद भूधंसाव बढ़ा है। घरों के साथ ही प्राथमिक विद्यालय और पंचायत घर के भवन भी इसकी जद में आ गए हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया कि खमरौली के संबंध में डीएम से जानकारी ली गई है। साथ ही उन्हें प्रारंभिक रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया है।