15 साल बाद उत्तराखंड पुलिस ने किया एनकाउंटर, इस घटना ने तोड़ दी थी कमर
वर्ष 2009 में हुए फर्जी रणवीर एनकाउंटर ने उत्तराखंड पुलिस की कमर तोड़ दी थी। जिसके बाद पुलिस बदमाशों पर गोली चलाने से दो कदम पीछे हट गई थी।फलस्वरूप राज्य में बदमाशों के हौसले बुलंद हो गए थे, लेकिन नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या करने वाले शूटर को उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार में 15 साल बाद एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। जिससे बदमाशों में एक बार फिर से उत्तराखंड पुलिस का उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह खौफ पैदा होगा।
त्तराखंड बने हुए 24 साल हो गए हैं। शुरुवाती दौर में उत्तराखंड पुलिस ने कई बड़े बदमाशों का एनकाउंटर किया। वर्ष, 2008 में हल्द्वानी पुलिस ने रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप के खेड़ा क्षेत्र में पहुंचकर डकैतों की घेराबंदी की थी। जिस पर बदमाशों ने पुलिस पर फायर झोंक दिया था। जवाबी फायरिंग में डकैत ढेर हो गए थे।
इसके बाद वर्ष, 2009 में देहरादून में फर्जी रणवीर एनकाउंटर हुआ था। एनकाउंटर के बाद पुलिस कर्मियों को मिली सजा के बाद पुलिस बदमाशों का एनकाउंटर करने से पीछे हटने लगी थी। जिससे उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार और देहरादून में अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए थे।
हालत यह हो गई थी कि पुलिस पर भी कई बार फायरिंग के साथ ही गदरपुर में एक कांस्टेबल और नानकमत्ता में एक होमगार्ड की भी हत्या कर दी गई। यही नहीं कई बार बदमाशों को पकड़ने गई उत्तराखंड पुलिस की पिटाई भी की गई। लेकिन 15 साल बाद जब बदमाशों ने 28 मार्च को जब नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या की तो उसके एक हत्यारोपित अमरजीत सिंह को पुलिस ने हरिद्वार में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। घटना से बेखौफ हो बदमाशों में अब उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह ही उत्तराखंड पुलिस का खौफ पैदा होगा।
अब तक हुए बदमाशों से पुलिस के मुठभेड़
केस-1
वर्ष 2014 में पंजाब के इनामी बदमाशों की रुद्रपुर में शरण लेने की सूचना पर पंजाब पुलिस पहुंची। जब पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी। बदमाशों के हौसले इतने बुलंद थे कि दिनदहाड़े वह काशीपुर बाइपास रोड होते हुए गदरपुर की ओर फायरिंग करते हुए फरार हो गए।
केस-2
वर्ष 2016 में रुद्रपुर पुलिस ने काशीपुर रोड पर तेल मिल के पास उत्तर प्रदेश क्षेत्र में दबिश दी थी। इस दौरान लोगों ने पुलिस का विरोध करते हुए टीम पर हमला कर दिया था। हमले के बाद पुलिस की ओर से फायरिंग हुई थी। जिससे एक युवती गोली लगने से घायल हो गई थी।
केस-3
वर्ष 2017 में कांग्रेसी नेता किरन सरदार की हत्या करने के लिए बिहार और छत्तीसगढ़ से भाड़े के शूटर आए थे। इस दौरान वह कई दिनों तक ट्रांजिट कैंप में किराए में रहकर रेकी करते रहे। मौका मिलते ही उन्होंने किरन सरदार के कार्यालय में स्टेनगन से ताबड़तोड़ कई राउंड फायर कर दिया। हालांकि बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने मुठभेड़ के बाद लोगों की मदद से उन्हें दबोच लिया था।
केस-4
17 नवंबर 2020 को सितारगंज में पुलिस पर चेकिंग के दौरान हरियाणा के तीन इनामी बदमाशों से मुठभेड़ हो गई थी। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। जब जांच की गई तो पता चला वह लंबे समय से सितारगंज में किराए पर रह रहे थे। गिरफ्तार बदमाश पवन पर एक लाख रुपये, मोनू पर 50 और आशीष पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
केस-5
19 जुलाई 2021 को स्पेशल टास्क फोर्स को पंजाब के क्राइम कंट्रोल यूनिट से सूचना मिली कि पंजाब के खूंखार गैंगस्टर काशीपुर में शरण लिए हुए हैं। जिसके बाद एसटीएफ कुमाऊं मंडल और पंजाब की क्राइम कंट्रोल यूनिट के खूंखार गैंगस्टरों से काशीपुर के गुलजारपुर गांव में मुठभेड़ हो गई। जिसमें तीन गैंगस्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
केस-6
सात अक्टूबर 2022 को वांछित बदमाश की धड़पकड़ को बिजनौर पुलिस ने गदरपुर पुलिस के साथ दबिश दी थी। इस दौरान लोगों ने पुलिस का विरोध शुरू करते हुए हाथापाई शुरू कर दी थी। साथ ही पुलिस कर्मियों से बंदूक छीनने का भी प्रयास किया था।