35 गाड़ियों में चारधाम आए 750 यात्रियों को उत्तराखंड सरकार ने भेजा वापस
कई यात्री रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले भी पहुँच रहे हैं ऐसे में किसी श्रद्धालु के रजिस्ट्रेशन में कुछ दिनों बाद की यात्रा डेट है, तो यात्री भी ड्यू तिथि से पहले यात्रा नहीं कर पाएंगे, ये व्यवस्था चारधाम यात्रा में लागू कर दी गई है।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने एक योजना बनाई है। इस योजना के तहत अब बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर नहीं जा सकेगा। हाल ही में भद्रकाली तिराहा और विकासनगर में बिना रजिस्ट्रेशन के आए 750 श्रद्धालुओं को वापस भेजा गया है। राज्य सरकार ने कई बार यात्रियों को सूचित किया है कि बिना पंजीकरण यात्रा प्रतिबंधित है, फिर भी यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
बिना पंजीकरण वाले 750 श्रद्धालुओं को भेजा वापस
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा कि श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि यह उनका सौभाग्य है कि वे देवभूमि के दर्शन करने आए हैं। लेकिन ऊपर जाकर किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसलिए अभी यात्रा पर न जाएं। जिस दिन यात्रा की निर्धारित तिथि है, उसी दिन यात्रा के लिए आएं, सरकार की ओर से यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था भी की गई है, जहां यात्री ठहर सकते हैं। उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ घंटे के भीतर बिना रजिस्ट्रेशन वाले 750 श्रद्धालुओं को वापस भेजा गया, ये सभी 35 गाड़ियों में सवार होकर आए थे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु बिना रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन में दी गई यात्रा तारीख से पहले यात्रा कर रहे हैं, जिसके चलते चारधाम यात्रा में ज्यादा भीड़ देखी जा रही है।