5 सालों में 6.71 की दर से बढ़ी GDP, कर्ज बढ़कर 72 हजार करोड़
कैग की रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 में उत्तराखंड का कर्ज बढ़कर 72,860 करोड़ रुपये हो गया जबकि 2018-19 में यह 58,000 करोड़ रुपये के करीब था। कर्ज में वृद्धि के साथ देनदारी का ग्राफ भी बढ़ रहा है।
भराड़ीसैंण में चल रहे विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन CAG की रिपोर्ट सदन में पेश की गई। इस रिपोर्ट को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 2022-23 के वित्तीय वर्ष के लिए सदन के सामने रखा। रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड की जीडीपी पिछले पांच वर्षों में औसतन 6.71 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। 2018-19 में जीडीपी 230,314 करोड़ रुपये थी, जो 2022-23 में 302,621 करोड़ रुपये हो गई। इस बीच राज्य में वेतन और पेंशन पर वचनबद्ध व्यय की वृद्धि दर 5.78 प्रतिशत रही, लेकिन 2022-23 में इसमें अचानक उछाल आया जिससे वचनबद्ध व्यय में 8.77 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
CAG की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड पर कर्ज 2022-23 में बढ़कर 72,860 करोड़ रुपये हो गया, जो 2018-19 में 58,000 करोड़ रुपये था। हालांकि राज्य की जीडीपी के आकार और ऋण पुनर्भुगतान में तेजी के कारण ऋण का अनुपात जीडीपी के मुकाबले 24.08 प्रतिशत तक सीमित रहा। रिपोर्ट में यह भी उल्लेखित किया गया है कि लोक ऋण (मार्केट लोन) राज्य के कुल ऋण का बड़ा हिस्सा है वर्तमान में जो 56,510 करोड़ रुपये है। ऋण की बढ़ोतरी के साथ देनदारी का ग्राफ भी बढ़ रहा है, लेकिन सरकार ने पुनर्भुगतान में तेजी लाने और प्राप्तियों में सुधार के लिए कदम उठाए हैं। परिणामस्वरूप ऋण पुनर्भुगतान अनुपात 72.07 प्रतिशत से बढ़कर 91.84 प्रतिशत तक पहुंच गया है।