उत्तराखंड

Dehradun: भाजपा प्रदेश कार्यालय के लिए चाय बागान की जमीन खरीदने पर नोटिस, अतिक्रमण पर दस अन्य लोग भी तलब

चाय बागान की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप है। भाजपा ने रायपुर में प्रदेश कार्यालय के निर्माण के लिए वर्ष 2010 में 0.88 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। तभी से यह कहा गया कि संबंधित जमीन चाय बागान की है।

भाजपा के नए प्रदेश कार्यालय के लिए चाय बागान की जमीन खरीदने को लेकर एडीएम प्रशासन ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल को तलब किया है। नियत प्राधिकारी ग्रामीण सीलिंग (एडीएम प्रशासन) की ओर से चुफाल को भेजे गए नोटिस में 24 जून को संबंधित कार्यालय पहुंचकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है।

साथ ही तहसीलदार और थानाध्यक्ष को आदेश दिए हैं कि विवादित जमीन पर चल रहे सभी निर्माण कार्य तत्काल रोके जाएं। एडीएम ने दस अन्य लोगों को भी नोटिस जारी कर तलब किया है। इन पर चाय बागान की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप है। गौरतलब है कि भाजपा ने रायपुर में प्रदेश कार्यालय के निर्माण के लिए वर्ष 2010 में 0.88 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। तभी से यह कहा गया कि संबंधित जमीन चाय बागान की है।

जिला प्रशासन ने अपने स्तर से कई बार इसकी जांच की।अब एडीएम प्रशासन डॉ. एसके बरनवाल ने भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान विधायक विशन सिंह चुफाल को नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है, ग्राम रायपुर में भूमि खाता संख्या 143 के खसरा नंबर 4305 में 0.88 हेक्टेयर जो जमीन उन्होंने खरीदी, उसे मूल खातेदार चंद्रबहादुर ने सीलिंग से छूट प्राप्त चाय बागान की भूमि घोषित कराई थी। 10 अक्तूबर 1976 के बाद चाय बागान की जमीनों पर हुए सभी बैनामे शून्य मानकर रायपुर की यह पूरी जमीन राज्य सरकार में निहित हो चुकी है। 

इसलिए इस भूमि पर सभी व्यक्तियों के अधिकार समाप्त हो चुके हैं। एडीएम ने कहा, स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज 24 जून को प्रस्तुत करें। इसके अलावा, चाय बागान की जमीन को अवैध तौर पर बेचने और अतिक्रमण करने पर विनोद कुमार, ईला खंडूड़ी, सरोज बिष्ट, मोनिका चौधरी, संजय गुलेरिया, आभा, राजा डोबरा, शांति नेगी, सविता, रमेश भट्ट को भी नोटिस भेजे गए हैं।

पार्टी स्तर पर विचार कर देंगे जवाब

वर्ष 2010 में मैं प्रदेश अध्यक्ष था। उसी समय भाजपा के प्रदेश कार्यालय के लिए जमीन खरीदने का प्रस्ताव आया। किसी व्यक्ति के बताने मैंने यह जमीन देखी। पार्टी के तत्कालीन पदाधिकारियों को भी दिखाई। सभी की सहमति से जमीन खरीद ली गई। पार्टी अध्यक्ष होने के कारण जमीन की रजिस्ट्री मेरे नाम से हुई। इसलिए नोटिस मेरे नाम से आया है। पार्टी स्तर पर विचार कर नोटिस का जवाब दिया जाएगा।

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