उत्तराखंड

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अमरिंदर की सेक्युलर विचारधारा पर लगाया प्रश्न चिन्ह

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकार वार्ता करते हुए पंजाब प्रभारी होने के नाते पंजाब मुद्दे को लेकर अपनी बात कही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की अमित शाह के साथ नजदीकी ठीक नही। अमरिंदर की सेक्युलर विचारधारा पर लगाया प्रश्न चिन्ह। कांग्रेस के सामने लोकतंत्र बचाने का है सवाल। ऐसे समय में अमरिंदर सिंह से उम्मीद थी की वो सोनिया गांधी के साथ खड़े होते। लेकिन जिस व्यक्ति को कांग्रेस ने इतने अवसर दिए, वो चुनौतीपूर्ण समय में अलग खड़े हो गए। हरीश रावत का बड़ा बयान, कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर दिया बड़ा बयान। कुछ लोगों के उकसावे पर उठा रहें हैं ऐसा कदम जो उनके सिद्धान्तों से मेल नहीं खाता।हरीश रावत ने अमरिंदर सिंह के अमित शाह से मुलाकात पर उठाए सवाल, अमरिंदर के सेक्युलर विचारधारा पर बताया प्रश्न चिन्ह। पार्टी ने उन्हें सम्मान दिया। humilation के आरोपों को किया खारिज। अन्य नेताओं को उनसे कम मौके मिले। आज जब लोकतंत्र बचाने का सवाल है तो उनसे उम्मीद की जाती थी कि वो लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति खुद को समर्पित करें। हरीश रावत ने उठाया गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मसला। अकाली दल पर षड्यंत्र का आरोप। कांग्रेस ने चुनाव में वादा किया था कि गोली चलाने वालों पर होगी कार्यवाई। दुर्भाग्य से हाइकोर्ट में मामला ठीक से न रख पाने के कारण मामला रिजेक्ट हुआ। इससे लोगों की भावनाएं और कांग्रेस नेताओं की भावनाएं आहत हुईं। बाद में एक पैनल बनाया जिसने कांग्रेस प्रेजिडेंट को आश्वस्त किया कि अब कार्यवाई होगी। लेकिन फिर भी कार्यवाई न होने पर मैंने खुद अमरिंदर से मुलाकात की। अमरिंदर ने खुद आश्वस्त किया कि कार्यवाई होगी। फिर भी कार्यवाही नहीं हुई तब अमरिंदर सिंह को लेकर उठे सवाल। इसके बाद विधायकों की मीटिंग बुलाने का ऐलान हुआ। हालांकि अमरिंदर का आरोप है कि उन्हें बताया नहीं गया। हरीश रावत का बयान, मैं शपथ पूर्वक कह रहा हूं कि मैंने उन्हें मीटिंग की जानकारी दी।

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