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Mussoorie Route पर आवाजाही शुरू, नौ टन से अधिक भार वाले वाहनों पर रोक

मसूरी मार्ग पर गलोगीधार के पास क्षतिग्रस्त पुस्ते का निर्माण पूरा हो गया है। इसके साथ ही यहां नौ टन क्षमता तक के वाहनों के आवागमन को अनुमति दे दी गई है। इस दायरे में बस से लेकर सामान्य ट्रक तक आ जाते हैं।

हालांकि, प्रायः नौ टन क्षमता के वाहन ओवरलोडिंग कर कहीं अधिक माल ढोते हैं। ऐसे में यह प्रवृत्ति भारी पड़ सकती है। लिहाजा, पुलिस और परिवहन विभाग को ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों पर कड़ी नजर रखनी होगी।

भारी वर्षा के कारण 19 जुलाई को मसूरी राज्य राजमार्ग पर गलोगीधार के पास गलोगी पावर प्रोजेक्ट तक जाने वाले कच्चे मार्ग का पुश्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके चलते मसूरी मार्ग का पुश्ता भी भरभराकर गिर गया। पुश्ता ढहने से सड़क तो नहीं धंसी, लेकिन नीचे से खोखली जरूर हो गई थी।

सुरक्षा की दृष्टि से मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। अब लोनिवि प्रांतीय खंड ने सड़क से सटाकर फौरी व्यवस्था के तहत चार मीटर ऊंचाई और 10 मीटर चौड़ाई में वायरक्रेट पुस्ता तैयार कर दिया है। फिलहाल सड़क को सपोर्ट मिल जाने के क्रम में ही नौ टन तक की क्षमता वाले वाहनों को अनुमति प्रदान की गई है। जिसका सीधा मतलब यह है कि छह टायर वाले लगभग सभी वहां यहां से गुजर सकेंगे।

नौ टन से अधिक क्षमता वाले वाहनों के लिए बनेगा पूरा पुस्ता

लोनिवि प्रांतीय खंड के सहायक अभियंता केके उनियाल के मुताबिक, वर्षा से भूस्खलन मार्ग के निचले हिस्से में 12 मीटर लंबाई में हुआ है। ऐसे में चेक डाम की तरह एक नया पुस्ता इसी लंबाई में तैयार किया जाएगा। इस कार्य में करीब एक करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह कार्य जल्द पूरा कर दिया जाएगा। इसके बाद सड़क पर नौ टन क्षमता से अधिक के वाहन भी गुजर सकेंगे।

कंसल्टेंट से तैयार करवाई जाएगी रिपोर्ट

लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि वर्षाकाल के बाद कंसल्टेंट नियुक्त कर मार्ग के निचले भाग का सर्वे किया जाएगा। क्योंकि, इस भाग में मिट्टी अधिक निकल रही है। जिससे पता चलता है कि इस भाग पर हार्ड राक का अभाव हो सकता है।इसी हिसाब से उपचार की तकनीक पर आगे बढ़ा जाएगा। विस्तृत रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। ताकि भविष्य में भी सड़क को सुरक्षित रखा जा सके। कुछ ऐसा ही कार्य गलोगीधार की पहाड़ी के भूस्खलन जोन में भी किया जा रहा है।

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