Uttarakhand: वनाग्नि को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए 960 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार, 14 संस्थान मिलकर करेंगे काम
वनाग्नि शमन में खर्च होने वाली इस राशि को 90 और 10 के अनुपात में खर्च किया जाएगा। मसलन किसी भी राज्य में जो खर्च होगा, उसका 90 प्रतिशत खर्च केंद्र और 10 प्रतिशत खर्च राज्य उठाएगा। मालूम हो कि अभी तक देशभर में सभी राज्य वनाग्नि से अपने-अपने ढंग से निपटते हैं।
देशभर में जंगलों में लगने वाली आग को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए इससे निपटने की तैयारी अब देश के प्रतिष्ठित 14 संस्थान मिलकर करेंगे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से इसके लिए 960 करोड़ रुपये का एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसमें 25 राज्यों के 150 जिले मिलकर राष्ट्रीय वन अग्नि शमन प्रोजेक्ट के तहत काम करेंगे। प्रारंभिक चरण में यह प्रोजेक्ट तीन साल के लिए शुरू किया जा रहा है।
यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 960 करोड़ रुपये का है। वनाग्नि शमन में खर्च होने वाली इस राशि को 90 और 10 के अनुपात में खर्च किया जाएगा। मसलन किसी भी राज्य में जो खर्च होगा, उसका 90 प्रतिशत खर्च केंद्र और 10 प्रतिशत खर्च राज्य उठाएगा। मालूम हो कि अभी तक देशभर में सभी राज्य वनाग्नि से अपने-अपने ढंग से निपटते हैं।
फॉरेस्ट फॉयर मिटीगेशन प्रोजेक्ट तैयार
राज्यों के पास संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद इनका सही से उपयोग नहीं हो पाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीएमए की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर फॉरेस्ट फॉयर मिटीगेशन प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसके तहत देशभर के 14 राष्ट्रीय संस्थान वनाग्नि से निपटने में राज्यों की मदद करेंगे। इसके अलावा समुदाय को भी इससे जोड़ा जाएगा।
बीते दिनों वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) देहरादून में डीजी फॉरेस्ट व विशेष सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय चंद्रप्रकाश गोयल की अध्यक्षता में नेशनल फॉरेस्ट फॉयर मिटीगेशन (राष्ट्रीय वन अग्नि शमन) प्रोजेक्ट के संंबंध में बैठक आयोजित की गई। उस बैठक में 25 राज्यों के प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) और आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया।